गोयल पुरस्कार के लिए चार विख्यात वैज्ञानिकों का किया गया चयन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने देश के चार विख्यात वैज्ञानिकों

Update: 2021-09-20 06:53 GMT

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने देश के चार विख्यात वैज्ञानिकों, प्रो. एनके मेहरा (एम्स, नई दिल्ली), प्रो. ए अजयाघोष (सीएसआईआर, निस्ट, थिरुवनंथपुरम), प्रो. श्याम सुंदर (बीएचयू वाराणसी) एवं प्रो. रोहिनी गोडबोले (आईआईएससी, बैंगलोर) का चयन गोयल पुरस्कार के लिए किया है। प्रत्येक पुरस्कार में एक मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रुपये नकद शामिल हैं।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति एवं चयन समिति के अध्यक्ष प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि इन वैज्ञानिकों ने क्रमश: व्यवहारिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं भौतिक विज्ञान में विशेष योगदान दिया है।
चयन समिति के उपाध्यक्ष एवं डोनर स्व. राम एस गोयल के नॉमिनी प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि प्रो. मेहरा ने ट्रांसप्लांट इम्यूनोलॉजी एवं इम्यूनो जेनेटिक्स के क्षेत्र में, जबकि प्रो. अजयाघोष ने बायोलॉजी में मटेरियल केमिस्ट्री के उपयोग पर विशिष्ट काम किया है। प्रो. श्याम सुंदर वाइसेरल लेशमैनियासिस (काला-अजार) के उपचार में अग्रणी रहें हैं और उनके द्वारा विकसित दवा मिल्टेफास्टिन कई देश प्रयोग कर रहे हैं।
पद्मश्री प्रो. रोहिनी गोडबोले ने हाई एनर्जी फिजिक्स में विशेष योगदान दिया है। प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि प्रो. गोडबोले ने लीलावतीज डॉटर पुस्तक का संकलन किया है, जिसमें प्रसिद्ध भारतीय महिला वैज्ञानिकों के योगदान को बताया गया है।
गोयल पुरस्कार की स्थापना 1992 में बसे एनआरआई. स्व. राम एस गोयल द्वारा की गई है। चयन समिति के संयोजक प्रो. संजीव अरोड़ा ने अवगत कराया कि ये पुरस्कार सौ से अधिक प्रसिद्ध वैज्ञानिकों को दिया जा चुका है, जिनमें डॉ. सीएनआर राव, डॉ. आरए माशेलकर और डॉ. कस्तूरीरंगन आदि प्रमुख हैं।
प्रो. संजीव अरोड़ा ने बताया कि इन पुरस्कारों के अतिरिक्त 45 वर्ष के कम आयु के चार युवा वैज्ञानिकों का चयन भी शीघ्र ही कर लिया जाएगा। इन आठों वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन इस साल के अंत तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ही देश का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो विभिन्न वैज्ञानिकों को सम्मानित करता है।
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