एलियंस का संबंध क्या माया सभ्यता के साथ था? पीछे का रहस्य

माया सभ्यता के विषय में आप में से कई लोगों ने सुना होगा। इस रहस्यमय सभ्यता को लेकर देश दुनिया में कई दावे किए जाते हैं।

Update: 2021-09-17 09:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माया सभ्यता के विषय में आप में से कई लोगों ने सुना होगा। इस रहस्यमय सभ्यता को लेकर देश दुनिया में कई दावे किए जाते हैं। कई लोगों का मानना है कि माया सभ्यता का संबंध एलियंस के साथ था। इस बात में कितनी हकीकत है और कितना फसाना आज हम उसी के बारे में जानेंगे। विश्व भर में ऐसी कई प्राचीन कलाकृतियां हैं, जिनके विषय में कहा जाता है कि उन्हें एलियंस ने बनाया था। फिर चाहे बात आप गीजा के पिरामिड की करें या स्टोनहेंज की। कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट्स इन सभी कलाकृतियों का संबंध एलियंस के साथ जोड़ कर देखते हैं।

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इसी कड़ी में आज हम माया सभ्यता की बात करने वाले हैं। माया आर्किटेक्ट को देखने के बाद कई विशेषज्ञों का कहना है कि उनका संबंध एलियंस के साथ था। माया मंदिरों की दीवारों पर कई जगह परग्रही जीवों के चित्र अंकित हैं। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं माया सभ्यता के रहस्य के बारे में - 

माया संस्कृति में इस बात का उल्लेख मिलता है कि प्राचीन समय में स्वर्ग से कई देवता धरती पर उतरे थे। उन्होंने प्राचीन माया लोगों को एस्ट्रोनॉमी, आर्किटेक्चर और निर्माण संबंधी बहुमूल्य ज्ञान दिया था। उन्हीं में से एक देवता ने ये ऐलान किया था कि वे धरती पर दोबारा 21 दिसंबर 2012 के दिन आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ये देवता कोई और नहीं बल्कि एलियंस थे, जिन्हें ंमाया के लोगों ने अपना ईष्ट समझा था।

माया सभ्यता पर हुई कई खोजों और रिसर्च के बाद इस बात को बल मिला है कि प्राचीन माया सभ्यता को एलियंस ने विजिट किया था। लेटिन अमेरिका की इस सभ्यता की दीवारों पर ऐसी कई कलाकृतियां अंकित हैं, जो माया और एलियंस के ताल्लुकात होने का दावा करती हैं। पाकाल का मकबरा लंबे समय से इस बात की गवाही देता आ रहा है। 

पाकाल के मकबरे का चित्र देखने के बाद कई विशेषज्ञों का ये कहना है कि पाकाल एक खास तरह की उड़नतश्तरी में बैठा है, जो किसी दूसरे जगत में जाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा माया सभ्यता से जुड़ी कई रहस्यमय खोजें हुई हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि एलियंस के साथ माया लोगों का संपर्क था। 

इस सभ्यता से जुड़ी रहस्यमय कलाकृतियों को साल 2011 में जर्मनी के सारब्रकन में आयोजित एक सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया। इन रहस्यमय कलाकृतियों को डॉ नसीम हरामीन द्वारा प्रस्तुत किया गया था। सम्मेलन में कई ऐसी चीजों को दिखाया गया जिनमें परग्रही जीव या उनसे जुड़ी रहस्यमय चीजें अंकित थीं।

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