अधिक मात्रा में विटामिन-डी का सेवन भी नुकसानदायक, इन लक्षणों से करें पहचान

शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

Update: 2021-10-18 12:20 GMT

शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। विटामिन-डी, ऐसा ही एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसे शरीर के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन-डी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चूंकि विटामिन-डी को इम्यूनिटी बढ़ाने वाला भी माना जाता है, यही कारण है कि कोरोना के इस दौर में लोगों ने इस विटामिन के सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन शुरू कर दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं बहुत अधिक मात्रा में विटामिन-डी के सेवन के कारण विटामिन-डी टॉक्सिसिटी की समस्या हो सकती है, इस बारे में लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आहार और सूर्य की रोशनी के कारण विटामिन-डी टॉक्सिसिटी नहीं होती है, हालांकि लंबे समय तक बहुत अधिक मात्रा में इस विटामिन के सप्लीमेंट के सेवन के कारण ऐसी समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अधिकांश लोगों के लिए प्रतिदिन 15 माइक्रोग्राम विटामिन-डी का सेवन पर्याप्त माना जाता है। रोजाना 25-30 माइक्रोग्राम  की मात्रा में इस विटामिन का सेवन करते रहना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि कैसे पता किया जा सकता है कि हम विटामिन-डी की सेवन अधिक मात्रा में कर रहे हैं?

बार-बार पेशाब आना

विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बनाए रखने में मदद करता है, हालांकि, जब विटामिन-डी का स्तर बढ़ता है, तो रक्त में कैल्शियम का स्तर भी बढ़ने लगता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो सकती है। बार-बार पेशाब जाने जरूरत कई अन्य स्थितियों में हो सकती है, इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

पाचन की समस्या

शरीर में विटामिन-डी का स्तर बढ़ जाने के कारण पाचन संबंधी दिक्कतें भी हो सकती है। चूंकि विटामिन-डी का स्तर बढ़ने के कारण शरीर में कैल्शियम के स्तर भी बढ़ जाता है, इसके कारण पाचन संबंधी समस्या, दस्त और पेट फूल सकता है। विटामिन-डी सप्लीमेंट के ओवरडोज के कारण मतली और उल्टी भी हो सकती है।

कमजोरी महसूस होना

विटामिन-डी विषाक्तता के कारण रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में गंभीर कमजोरी की समस्या का अनुभव हो सकता है। जिन लोगों में विटामिन-डी विषाक्तता होती है उन्हें चक्कर आने, भ्रम और थकान की भी समस्या हो सकती है। यही कारण है कि बिना डॉक्टरी सलाह के विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। 

किडनी और हड्डी की समस्या 

शरीर में विटामिन-डी का स्तर बढ़ जाना किडनी की समस्याओं जैसे किडनी में पथरी या किडनी फेलियर की भी समस्या हो सकती है। कैल्शियम की अधिकता को इसका कारण माना जाता है। किडनी के साथ  विटामिन-डी का बढ़ा हुआ स्तर हड्डियों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। वैसे तो हड्डियों के लिए विटामिन-डी को आवश्यक माना जाता है, हालांकि इस विटामिन-डी की अधिकता हड्डियों के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। 

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