कपड़े के मास्क से कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को खतरा: एम्स के शोध में दावा

कपड़े का मास्क

Update: 2021-07-30 12:18 GMT

एम्स में 352 मरीजों पर हुए शोध में सामने आया है कि कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को कपड़े का मास्कनहीं पहनना चाहिए। लंबे समय तक कपड़े का मास्क पहनने से गंदगी की वजह से ब्लैक फंगस होने की आशंका अधिक हो जाती है। खासकर ऐसे मरीज जिनकी प्रतिरोध क्षमता कम है उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

अध्ययन में 200 मरीज कोरोना संक्रमित थे। 152 मरीज ऐसे थे जो कोरोना के साथ ब्लैक फंगस से भी पीड़ित थे। शोध के मुताबिक, ब्लैक फंगस से पीड़ित मिले सिर्फ 18 फीसदी मरीजों ने ही एन 95 मास्क का इस्तेमाल किया था। वहीं करीब 43 फीसदी ऐसे मरीजों ने एन 95 मास्क का इस्तेमाल किया था जिन्हें ब्लैक फंगस का संक्रमण नहीं था।
ब्लैक फंगस से पीड़ित 71.2 फीसदी मरीजों ने या तो सर्जिकल या कपड़े के मास्क का इस्तेमाल किया था। इनमें भी 52 फीसदी मरीज कपड़े वाले मास्क का इस्तेमाल कर रहे थे। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर प्रोफेसर नीरज निश्चल का कहना है कि कपड़े वाले गंदे मास्क का कई बार और देर तक इस्तेमाल करने से म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा अधिक हो सकता है। जरूरी हो तो कपड़े के मास्क के नीचे सर्जिकल मास्क पहनें
Tags:    

Similar News

-->