सीबीडीटी ने मोटी कमाई वालों पर रखें नजर, पीएफ के ब्याज पर टैक्स की गणना का फार्मूला तय
भविष्य निधि यानी पीएफ के ब्याज पर टैक्स की गणना का फार्मूला केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने तय कर दिया है। नए फार्मूले के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए व्यक्ति द्वारा टैक्सेबल और नॉन टैक्सेबल योगदान के लिए पीएफ खाते में ही एक अन्य खाता खुलेगा। इसी खाते में संबंधित आय का लेखा-जोखा होगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भविष्य निधि यानी पीएफ के ब्याज पर टैक्स की गणना का फार्मूला केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने तय कर दिया है। नए फार्मूले के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए व्यक्ति द्वारा टैक्सेबल और नॉन टैक्सेबल योगदान के लिए पीएफ खाते में ही एक अन्य खाता खुलेगा। इसी खाते में संबंधित आय का लेखा-जोखा होगा।
फाइनेंस एक्ट 2021 में साल में 2.5 लाख से ज्यादा योगदान करने वालों पर टैक्स का प्रावधान किया गया था। उसी के मद्देजनर अब पीएफ की कमाई पर टैक्स की गणना के फार्मूले को सीबीडीटी ने अधिसूचित कर दिया है। फाइनेंस एक्ट 2021 के अनुसार एक तय सीमा के बाद पीएफ खाते में योगदान पर मिले ब्याज पर भी टैक्स लगेगा। मौजूदा समय तक पीएफ में योगदान और उसपर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त यानी टैक्स फ्री है, लेकिन ऊंची कमाई वालों को अब ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि पीएफ में निवेश पर टैक्स छूट की वजह से ऊंची कमाई वालों को ज्यादा लाभ मिल रहा था। सरकार काफी समय से इसका हल निकालने की कोशिश में लगी हुई थी।
मोटी कमाई वालों पर नजर
सरकार की नजर ईपीएफ पर टैक्स छूट का फायदा उठा रहे उन करदाताओं पर है जिनकी मोटी कमाई होती है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफ के कुल अंशधारकों में करीब 1.23 लाख अंशाधरक ऐसे हैं जो टैक्स नियमों का लाभ उठाकर 50 लाख रुपये तक सालाना आय कर मुक्त यानी टैक्स फ्री हासिल कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि ऐसे करदाताओं से ऊंचा टैक्स वसूला जाना चाहिए। यही वजह है कि सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।
वित्त मंत्री ने बजट में की थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में इसकी घोषणा की थी। इसके तहत फाइनेंस एक्ट 2021 में साल में 2.5 लाख से ज्यादा योगदान करने वालों पर टैक्स का प्रावधान किया गया था। सरकार का मानना है कि ऊंची कमाई होने के बावजूद टैक्स छूट का ज्यादा लाभ ऐसा तबका उठा रहा है, जिसे अधिक टैक्स देना चाहिए।
कितनी कमाई पर होगा असर
कर सलाहकारों का कहना है कि इससे कम आय वालों को नुकसान नहीं होगा। उनका कहना है कि सालाना 20 लाख रुपये से अधिक कमाई वाले करदाताओं की जेब इस नियम से हल्की होगी क्योंकि उनका पीएफ में योगदान ज्यादा होता है। इससे आम करदाताओं पर असर नहीं होगा।
आधार-पैन लिंक नहीं कराया तो ट्रेडिंग सुविधा बंद होगी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कहा है कि 30 सितंबर तक जिन निवेशकों का आधार-पैन लिंक नहीं होगा उनकी शेयर बाजार में ट्रेडिंग सुविधा खत्म कर दी जाएगी। एनएसई ने ट्रेडिंग से जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियां और अन्य भागीदारों से इसे जल्द लागू करने को कहा है। एनएसई ने यह भी कहा कि इसके लिए वह निवेशकों को इसकी जानकारी दें और इसके लिए प्रोत्साहित करें। एएसई ने यह ब्रोकरेज कंपनियों को भी चेतावनी दी है कि इसका पालन नहीं करने पर उनपर भी सख्त कार्रवाई होगी।