ब्रिटिश कंपनी वनवेब ने रूस के बैकोनूर से सैटेलाइट लॉन्‍च रोके

रूस के बैकोनूर से सैटेलाइट लॉन्‍च रोके

Update: 2022-03-05 10:45 GMT
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर अब तमाम प्रोजेक्‍ट्स पर भी दिखाई दे रहा है। ब्रिटिश सैटेलाइट कंपनी वनवेब (OneWeb) ने कजाकिस्तान में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सभी लॉन्‍च को सस्‍पेंड करने का फैसला किया है। दरअसल, रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने यह गारंटी मांगी थी कि उसकी तकनीक का इस्‍तेमाल सैन्‍य मकसदों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके बाद 'वनवेब' ने अपने सभी लॉन्‍च सस्‍पेंड करने का फैसला किया है। वनवेब में हिस्सेदारी रखने वाली ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले का समर्थन करती है।
सरकार ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से हम रूसी सहयोग से जुड़ी सभी दूसरे प्रोजेक्‍ट्स में अपनी भागीदारी को रिव्‍यू कर रहे हैं। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की ओर से रिलीज की गईं तस्वीरों के अनुसार, बुधवार को बैकोनूर कोस्मोड्रोम के एक लॉन्चपैड से 36 वनवेब सैटेलाइट्स को ले जाने वाले सोयुज रॉकेट को हटा दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने बुधवार को कहा कि उनकी एजेंसी चाहती है कि वनवेब इस बात की गारंटी दे कि रूस के खिलाफ उसके सैटेलाइट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। रोगोजिन ने कहा कि इनके बिना रूस बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से शुक्रवार के लिए तय लॉन्च को रद्द कर देगा।
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वनवेब अपने 650 सैटेलाइट्स के जरिए दुनियाभर में ब्रॉडबैंड ऑफर करेगी। साल 2020 में इस कंपनी को ब्रिटेन और भारती ग्लोबल ने दिवालिया होने से बचाया था। यूटेलसैट और सॉफ्टबैंक ने भी इसमें निवेश किया है। वनवेब की तरह ही स्टारलिंक भी इंटरनेट एक्सेस देने के लिए छोटे लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का इस्‍तेमाल करता है। अरबपति एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक और वनवेब की तरह कई देशों की कंपनियां 'सैटेलाइट इंटरनेट' को लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रही हैं।
पिछले साल दिसंबर में भी वनवेब ने 36 कम्‍युनिकेशंस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था। ये लॉन्‍च कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से हुए थे। दुनियाभर में हाई-स्पीड इंटरनेट देने की अपनी योजना के तहत वनवेब, सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में लॉन्च कर रही है।
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एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक भी कई देशों में अपनी सर्विस लॉन्‍च करने की तैयारी में है। इनमें भारत भी शामिल है। भारत की दस ग्रामीण लोकसभा में कंपनी अपनी सर्विस लाइव करने की तैयारी में है। SpaceX का लक्ष्य Starlink के तहत सैटेलाइट ग्रुप का इस्तेमाल करके दूरदराज के क्षेत्रों में हाइ स्पीड इंटरनेट मुहैया करवाना है।
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