सबसे बड़ी क्राउन जेलीफ़िश का पता चला, देखने में लाल उड़नतश्तरी जैसी

Update: 2022-04-25 14:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैज्ञानिकों को क्राउन जेलीफ़िश (Crown Jellyfish) की एक नई प्रजाति के बारे में पता लगा है. यह कैलिफ़ोर्निया के मोंटेरे बे (Monterey Bay) के 'मिडनाइट ज़ोन' में पाई जाती है और लाल रंग की एलियन उड़नतश्तरी की तरह दिखती है. मोंटेरे बे एक्वेरियम रिसर्च इंस्टीट्यूट (MBARI) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस नई जेलीफ़िश की प्रजाति का नाम एटोला रेनॉल्ड्सी (Atolla reynoldsi) है.

इस जेलीफ़िश का व्यास करीब 5 इंच (13 सेंटीमीटर) है. इसमें 26 से 39 कितने भी टेन्टेकल हो सकते हैं. जेलीफ़िश की अन्य 10 प्रजातियों की तरह, इस प्रजाति में भी चलते हुए सेंट्रल बेल (Central Bell) के चारों ओर एक गहरा खोल बनता है, जिससे इसके शरीर का आकार गुंबदनुमा नजर आता है, जिसपर लाल रंग का फ्रिल वाला क्राउन होता है.
हालांकि यह 10 रुपए के नोट से ज़्यादा लंबी नहीं हैं, फिर भी ए. रेनॉल्ड्सी, एटोला जेली की ज्ञात प्रजातियों में सबसे बड़ी है. हालांकि क्राउन जेलिफ़िश की बाकी प्रजातियों की तरह इसमें एक लंबा टेन्टेकल नहीं होता. यह वह लंबा, पतला टेन्टेकल होता है जो शरीर के पीछे लटकता है और यह जेलीफ़िश की बेल के व्यास से छह गुना तक लंबी होती है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक क्राउन जेली इसका इस्तेमाल शिकार करने के लिए करती है, जिसमें क्रस्टेशियंस, साइफ़ोनोफ़ोर्स (रस्सी जैसे जिलेटिनस जानवर) और अन्य छोटे जीव शामिल हो सकते हैं. यह छोटे जीव समुद्र के मिडनाइट ज़ोन से गुजरते हैं. मिडनाइट ज़ोन समुद्र का वह गहराई वाला हिस्सा होता है जहां सूरज की रौशनी नहीं जाती. यह पानी की सतह से 3,300 से 13,100 फीट (1,000 से 4,000 मीटर) नीचे होता है.
अप्रैल 2006 से जून 2021 के बीच मॉन्टेरी बे के मिडनाइट ज़ोन से हजारों घंटों के फुटेज का विश्लेषण किया गया. इसमें शोधकर्ताओं ने कभी-कभी ऐसी क्राउन जेली भी देखी जिनमें सिग्नेचर ट्रेलिंग टेंटकल की कमी थी. टीम का मानना था कि उन्होंने जेलीफ़िश की तीन नई प्रजातियां खोज ली थीं, लेकिन वे इसे साबित नहीं कर सकते थे क्योंकि इनका दिखना बहुत दुर्लभ था.
एनिमल्स (Animals) जर्नल में पब्लिश की गई हालिया स्टडी के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने उन अनजान जेलीफ़िश में से एक को नई प्रजाति- ए रेनॉल्ड्सी नाम दिया है. टीम ने इस रहस्यमय क्राउन जेली के 10 नमूनों का अध्ययन किया, ताकि यह निष्कर्ष निकल सके कि यह फिश मॉलीक्यूलर और मॉर्फोलॉजिकल रूप से बाकी जेलीफ़िश से अलग दिखती है. ए रेनॉल्ड्सी को अब तक केवल मोंटेरे बे में देखा गया है, जो 3,323 से 10,463 फीट (1,013 से 3,189 मीटर) की गहराई पर तैरती है.
MBARI के वरिष्ठ शिक्षा और अनुसंधान विशेषज्ञ और स्टडी के लेखक जॉर्ज मात्सुमोतो (George Matsumoto) का कहना है कि यह नई जेली बताती है कि हमें अब भी गहरे समुद्र के बारे में कितना कुछ सीखना है. मोंटेरे बे की गहराई में हम जब भी एक गोता लगाते हैं, तो कुछ नया ही सीखते हैं. संस्थान के मुताबिक, MBARI के शोधकर्ताओं ने पिछले 34 सालों में 225 से अधिक नई प्रजातियां खोजी हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि बाकी की दो प्रजातियां जिनमें ट्रेलिंग टेन्टेकल नहीं है, वे आने वाले समय में एटोला प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत की जा सकती हैं.


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