अमेरिका की बड़ी नौकरी छोड़ बसीं भारत में, इस महिला ने गूगल से पहले बनाया डिजिटल मैप
हमारे भारत में ऐसे कई होनहार लोग है जो अपने ज्ञान से बड़े देश को मात देने में पीछे नही हट रहे है फिर चाहे बात विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी हो, या फिर तकनीकी क्षेत्र से
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हमारे भारत में ऐसे कई होनहार लोग है जो अपने ज्ञान से बड़े देश को मात देने में पीछे नही हट रहे है फिर चाहे बात विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी हो, या फिर तकनीकी क्षेत्र से ..भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम कर रहे है भारत के ये होनहार नयाब हीरे.. जिन्होनें अपनी प्रतिभा की अनूठी मिसाल पेश कर भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। जब लोग सड़क पर चलते हुए रास्ता भूल जाते थे और उस दौरान ऐसे यंत्र भी नही थे जो रास्ते की पहचान करा सके, तब दुनिया को रास्ते की पहचान कराने वाला इंटरेक्टिव डिजिटल मैप (Digital Map) जिसे लोग गूगल (Google) की देन मानते थे इस बात को गलत साबित कर दिखाया है भारतीय की महिला टेक्नोक्रेट रश्मि वर्मा ने...। जिसने डिजिटल मैप डेटाबेस बिजनेस सीई इन्फोसिस्टम्स (CE Infosystems) की स्थापना की जो बाद में MapmyIndia के नाम से पहचाने जाने लगा।
अमेरिका की बड़ी नौकरी छोड़ बसीं भारत में
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर बरेली में पली यह लड़की एक समय अमेरिका के लिए एक चुनौती बनकर उभरी थी। अपनी प्रतिभा के बल पर उन्होंने MapmyIndia की स्थापनी की और अमेरिका के द्वारा दिए गए कई बड़े ऑफर्स के ठुकराकर भारत में आकर काम करना ज्यादा पसंद किया। उन्होंने यह काम उस समय से ही शुरू कर दिया था जब बाजार में स्मार्ट फोन नही आए थे रश्मि के इस काम में उनका भरपूर साथ दिया उनके पति राकेश वर्मा ने। राकेश और रश्मि ने डिजिटल मैप पर काम करना शुरू किया और 1992 में MapmyIndia की स्थापना कर दी।
गूगल से पहले बनाया डिजिटल मैप
रश्मि ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि साल 2005 तक Google मैप बाजार में नहीं था तब उन्होनें डिजिटल मैप टेलीकॉम नेटवर्क पर उपलब्ध कराकर हर किसी को हैरान कर दिया था। उस समय नेविगेशन के लिए कोई उपकरण नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने पोर्टेबल डिवाइस उपलब्ध कराए जो जीपीएस पर काम करते थे। खास बात यह थी कि इसके उपयोग के लिए डेटा कनेक्शन की आवश्यकता नहीं पड़ती थी क्योंकि उस समय इंटरनेट इतना सुलभ नहीं था।
जानिए, रश्मि के बारे में
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर में जन्मी रश्मि शुरुआत से ही पढ़ाई में बेहद तेज थीं। 70 के दशक में जब छोटे शहरों की लड़कियों के लिए शिक्षा हासिल करना इतना आसान नहीं था उस समय रश्मि ने आईआईटी रुड़की (Indian Institute of Technology Roorkee) से इंजीनियरिंग की थी साल 1973 में तब वो इस कैमिस्ट्री इंजीनियरिंग कॉलेज की नौ छात्राओं में से एक थीं।
1975 में इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष की पढ़ाई के दौरान ही उनकी शादी राकेश से हो गई। यह शादी उनकेलिए काफी लकी साबित हुई। शादी के एक साल बाद ही राकेश रश्मि वाशिंगटन चले गए जहां से उन्होंने ऑपरेशनल रिसर्च एंड कंप्यूटर साइंस में मास्टर की पढ़ाई की।
पति-पत्नी की जोड़ी हुई हिट
विदेश में जाकर कुछ सालों तक दोनों ने कई कपंनियों में काम किया फिर इस जोड़ी ने भारत के लिए पहले 'solution-driven mapping program' पर काम करना शुरू किया। और यह काम उन्होनें तब किया जब कोका कोला, जेरॉक्स, मोटोरोला आदि बड़ी कंपनियों ने भारत पर इस काम करने के लिए अपनी निगाह टिका दी थी। लेकिन रश्मि और राकेश ने सही समय पर MapMyIndia को लॉन्च कर हर किसी को हैरान कर दिया। उनकी मैपिंग कंपनी ने जीआईएस क्षेत्र में कदम रखा और डिजिटल मैप डेटा, जीपीएस नेविगेशन, स्थान-आधारित सेवाएं (एलबीएस), जीआईएस आदि में एक अग्रणी कंपनी बनकर स्थापित हुई।
आज बड़ी कंपनियां हैं निर्भर
आज MapmyIndia द्वारा बनाए गए इन-बिल्ट डिजिटल मैप सॉल्यूशंस का उपयोग टाटा मोटर्स, हुंडई, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड, जगुआर, टीवीएस मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा किया जाता है। इसके मैप्स में फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और ओला कैब्स की भी शामिल है।