शोध के अनुसार मध्य आयु वर्ग में लांग कोविड के सर्वाधिक मामले

ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैस्टिक्स (ओएनएस) के शोध के अनुसार मध्य आयु वर्ग में लांग कोविड के मामले सर्वाधिक हैं।

Update: 2021-06-14 05:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैस्टिक्स (ओएनएस) के शोध के अनुसार मध्य आयु वर्ग में लांग कोविड के मामले सर्वाधिक हैं। सबसे ज्यादा 25.6 फीसदी मामले 35-49 आयु वर्ग के लोगों में थे। इससे कम और ज्यादा आयु वर्ग में अपेक्षाकृत यह मामले कम पाए गए। इसी प्रकार महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है।

एक अन्य अध्ययन जो कोलंबिया यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ एनि नल्बंडियन द्वारा किया गया है, उसमें यह पाया गया है कि 32.6 से 87.4 फीसदी लोगों में ठीक होने के बाद भी कोई ने कोई दुष्प्रभाव पाए गए हैं। ठीक होने के चार सप्ताह बाद किए गए अध्ययन में यह आंकड़ा सामने आया है। हालांकि लांग कोविड की कोई परिभाषा अभी तक नही है, इसलिए हर अध्ययन में अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं।
टीके का असर
ब्रिटेन में अभी सबसे ज्यादा बहस इस बात पर हो रही है कि लांग कोविड रोगियों को क्या टीका लगाने से फायदा होगा। ब्रिटेन में ऐसे लोगों ने बड़े पैमाने पर टीके भी लगाए हैं। इन पर एक अध्ययन भी हुआ है जिसमें यह पाया गया है कि 57 फीसदी में सुधार देखा गया। 24 फीसदी में कोई बदलाव नहीं आया जबकि 19 फीसदी की हालात पहले से खराब हो गई। ब्रिटेन अमेरिका समेत कई देशों ने लांग कोविड पर बड़े अध्ययन शुरू किए हैं जिसमें इसके कारण, दवा तथा टीके के प्रभाव आदि का आकलन किया जाएगा।
डब्ल्यूएचओ के आदेश
डब्ल्यूएचओ ने लांग कोविड को एक बड़ी समस्या के रूप में स्वीकार किया है तथा कोरोना उपचार प्रोटोकाल में ठीक होने के बाद फॉलोअप देखभाल को भी शामिल करने के लिए कहा है। इसका मकसद लांग कोविड की दिक्कतों का उपचार सुनिश्चित करना शामिल है।
भारत में स्थिति
देश में लांग कोविड के मामले देखे गए हैं। ठीक होने के बाद मरीजों को फिर से अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। मौतें भी हो रही हैं। लेकिन अभी इस मामले को न तो गंभीरता से लिया जा रहा है और न ही ऐसे मरीजों के उपचार आदि को लेकर कोई ठोस इंतजाम हो पाए हैं। हालांकि एम्स तथा कुछ अस्पतालों में ऐसे मरीजों के उपचार के इंतजाम करने की बात कही जा रही है।


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