मंगल पर होगी अनूठी प्रतियोगिता, 11 दिनों के भीतर लाल ग्रह पर उतरेगा इन तीन देशों का अंतरिक्ष यान
आने वाले कुछ दिन अंतरिक्ष (Space News) की दुनिया में ऐतिहासिक साबित होने जा रहे हैं.
UAE HOPE Mars Mission: आने वाले कुछ दिन अंतरिक्ष (Space News) की दुनिया में ऐतिहासिक साबित होने जा रहे हैं. लाल ग्रह मंगल (Mars) पर एक नहीं बल्कि तीन-तीन देश कदम रखने के काफी करीब हैं. इनमें से दो तो हमारे पड़ोसी देश हैं. एक संयुक्त अरब अमीरात (UAE), दूसरा चीन (China) और तीसरा देश अमेरिका (America) है. इन तीनों देशों के अंतरिक्ष यान (Mars Mission Spacecraft) महज 11 दिनों के भीतर ही मंगल ग्रह पर पहुंच रहे हैं. एक तरह से अंतरिक्ष में अनूठी रेस (Race start to reach Mars) छिड़ी है. अब यह देखना रोचक होगा कि कौन सा देश पहले मंगल की सतह पर अपना कदम रखता है.
इस रेस में दुनिया की दो महाशक्ति हैं तो तीसरा देश संयुक्त अरब अमीरात इस एतिहासिक मिशन की शुरुआत करने वाला पहला अरब देश है. UAE का अंतरिक्ष यान AMAL इस दौड़ में शामिल है. Amal का अंग्रेजी में मतलब HOPE से है. इसलिए अंतरिक्ष यान को होप (HOPE) नाम दिया गया है. यह सात महीने पहले रवाना हुआ था और आज इसके मंगल की कक्षा में प्रवेश करने की उम्मीद है.
मौजूदा चरण सबसे चुनौतीपूर्ण
1.20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगाने वाले होप (HOPE) को अगर मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण की पकड़ में आना है तो उसे 27 मिनट तक अपने इंजन को ऑन रखना होगा. यह समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण और अहम होगा. अगर यह समय अंतरिक्ष यान निकाल लेता है तो वह मंगल ग्रह के वातावरण की स्टडी करना शुरू कर देगा. माना जा रहा है कि यही चरण सबसे अहम है और यहीं से तय होगा कि यूएई का अंतरिक्ष यान मंगल तक पहुंच भी पाएगा या नहीं.
टूट भी सकता है सपना
हालांकि पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुंचने का संयुक्त अरब अमीरात का सपना टूट भी सकता है. मंगल के गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बैठाने के लिए सटीक समय का होना बहुत जरूरी है. अगर उसकी गति ज्यादा होगी तो वह दूर निकल सकता है जबकि कम गति पर उसके मंगल पर पहुंचते ही क्रैश होने की आशंका है.
ज्यादा सटीक जानकारी देने में सक्षम
यह अंतरिक्ष मिशन इसलिए भी अहम है क्योंकि यह पहले की तुलना में ज्यादा जानकारियां जुटा सकता है. इसका लक्ष्य ग्लोबल वेदर मैप तैयार करना है. अंडाकार होने की वजह से HOPE मंगल के हिस्सों पर दिन और रात में ज्यादा समय तक नजर रख सकता है. यह करीब एक साल तक वहां रहेगा.
अमेरिका और चीन के यान भी दौड़ में
इस बीच अमेरिका और चीन के अंतरिक्ष यान भी मंगल पर पहुंचने वाले हैं. ऐसे में विशेषज्ञ इसे मंगल तक पहुंचने को लेकर बढ़ती रेस के रूप में देख रहे हैं. माना जा रहा है कि दुनिया की महाशक्तियां अब अंतरिक्ष में भी अपना दबदबा बनाना चाहते हैं. एक ही महीने में 3-3 अंतरिक्ष यान का मंगल की कक्षा की ओर बढ़ना काफी अप्रत्याशित है. आज तक सिर्फ अमेरिका ही इकलौता ऐसा देश है, जो मंगल पर सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान उतार चुका है. वह कई बार ऐसा कर चुका है.