अंटार्कटिका में शुरू हो रही है 4 महीने की रात, 12 सदस्यीय दल का प्रशिक्षण

Update: 2022-05-18 11:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंटार्कटिका (Antarctica) यूं तो पृथ्वी का विशेष कोना है जहां ऐसी परिस्थितियां हैं जो शेष पृथ्वी (Earth) पर कहीं नहीं मिलती हैं. ध्रुवीय इलाका होने की वजह से में चार महीने का समय पूरी तरह से अधेरा होता है. यह समय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, खास तौर से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विशेष होता है. अंटार्कटिका के इस समय होने वाले कठोर और चरम वातावरण में अंतरिक्ष में जाने से पहले एस्ट्रोनॉट्स ऐसी ही जगह प्रशिक्षण लेते हैं. यूरोपीय स्पेस एजेंसी (European Space Agency) का अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल अंटार्कटिका के कॉन्कॉर्डिया स्टेशन भेजा गया है जिससे वे कई महीनों के अलगाव और अन्य चरम वातावरण में रहने की तैयारी कर सकें.

आदर्श समय और जगह
यह समय उनके लिए आदर्श समय होता है क्यों कि अंटार्कटिका ऐसे समय में लंबे अंतरिक्ष अभियानों पर जाने से पहले अंतरिक्ष यात्री खुद को चरम स्थितियों में रहने का अभ्यास करसकते हैं. इस साल चार महीने का अंधेरे वाला समय 13 मई को शुरू हुआ, जब इस मौसम का अंतिम सूर्यास्त देखा गया.
12 सदस्यीय दल का प्रशिक्षण
अंटार्कटिका में कॉन्कॉर्डिया का संचलान यूरोपीय स्पेस एजेंसी करती है. इस सूर्यास्त के बाद से ही 12 सदस्यीय क्रू का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया जो पूरी सर्दियों भर यहीं रहेंगे. कॉन्कॉर्डिया स्टेशन का निर्माण फ्रेंच पोलर इस्टीट्यूट और इटैलियन अंटार्कटिका प्रोग्राम में मिलकर बनाया था और उसका संचालन कर रहे हैं.
तीन इमारतों वाला बेस
इस बेस में अंटार्कटिका की सर्दियों के दौरान 16 सदस्यों का क्रू रह सकता है. इस स्टेशन में तीन इमारतें हैं जो एक दूसरे से बंद पैदल पथ से जुड़ी हुई हैं. दो विशाल सिलेंडर के आकारनुमान इमारत में रहने और काम करने की जगह है जबकि तीसरे इमारत में तकनीक उपकरण हैं जिसमें इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट और बॉयलर कमरा भी शामिल है. यही बेस है जहां अंटार्कटिका में साल भर लोगों उपस्थिति रहती है.
Space, Earth, Antarctica, ESA, Astronauts, Concordia Station, Space Scientists, Astronauts Training, France, Italy,अंटार्कटिका (Antarctica) का यह बेस फ्रांस और इटली के संयुक्त योगदान से बना है. . (तस्वीर: ESA Events via Wikimedia Commons)
कठोर वातावरण के होंगे प्रयोग
इस साल जो दल कॉनकॉर्डिया में रहने आया है उसमें इटली और फ्रांस के शोधकर्ता और तकनीकीशियन के साथ स्वीडन के सुपरवाइजर डॉ हैनेस हैगसन भी हैं जो बेस का प्रबंधन और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. इस प्रयोगों में चरम और कठोर वातावरण का इंसानों पर प्रभाव का अध्ययन करना प्रमुख लक्ष्य होगा.
छह महीनों तक होंगे प्रयोग
ईसा के मुताबिक अब एक कुछ हमीनों तक कॉनकॉर्डिया स्टेशन पर बाहर से किसी भी तरह के संसाधन नहीं भेजे जा सकेंगे. इससे पहले वायुयान की उड़ान के जरिए इसी साल फरवरी में आपूर्ति सामग्री उपलब्ध कराई गई थी. अब यह दल अगले छह महीनों तक अलग थलग रहेगा और तमाम तरह के अंतरिक्ष यात्रा संबंधी प्रयोग करेगा.
Space, Earth, Antarctica, ESA, Astronauts, Concordia Station, Space Scientists, Astronauts Training, France, Italy,अंतरिक्ष यात्रियों का यह अभियान यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने आयोजित किया है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
पूरी दुनिया से 9 महीनों तक अलग
इन प्रयोगों में कुछ बायोमेडिकल प्रयोग भी शामिल होंगे जो क्रू के सदस्य खुद पर ही आजामाएंगे और यह जानने का प्रयासकरेंगे कि इंसान चरम एकांत हालात में कैसे जी सकता है. सैद्धांतिक तौर पर बेस दुनिया से 9 महीने तक कटा रहेगा. ईसा की वेबसाइट में बताया गया कि इन प्रयोगों में नींद के अध्ययन से लेकर पेट के स्वास्थ्य के मापन तक शामिल हैं.
कॉनकॉर्डिया स्टेशन दक्षिण ध्रुव से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. जहां तापमान -80 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. इन हालातों में क्रू के सदस्य क्रॉनिक हाइपोबारिक हिपोक्सिया हो सकता है जिसमें दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे हालात किसी दूसरे ग्रह पर ही रहने जैसे हैं. इसलिए इस जगह को ऐसे प्रयोगों और प्रशिक्षणों के लिए चुना गया है.


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