3D नक्शा! पूरे ब्रह्मांड का 'सीटी-स्कैन' कर रहे वैज्ञानिक
ब्रह्मांड का 'सीटी-स्कैन'
वॉशिंगटन: वैज्ञानिक ब्रह्मांड का सबसे विस्तृत नक्शा तैयार कर रहे हैं। इसमें खगोल भौतिकीविदों ने 3.5 करोड में से पहली 75 लाख आकाशगंगाओं के विवरण का खुलासा किया है। डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (डीईएसआई) ने एक सर्वे के अपने पहले सात महीने पूरे कर लिए हैं जिसके पूरा होने में पांच साल लगने की उम्मीद है। कैलिफोर्निया में अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम यह नक्शा तैयार कर रही है।
वैज्ञानिक विस्तृत 3डी नक्शा तैयार करने के लिए सर्वे का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो डार्क एनर्जी को समझाने में मदद करेगा। इसमें अभी तक 7.5 मिलियन से अधिक आकाशगंगाओं को सूचीबद्ध किया गया है। इसका लक्ष्य ब्रह्मांड की 35 मिलियन आकाशगंगाओं को दिखाना है। इस परियोजना का उद्देश्य रहस्यमय डार्क एनर्जी पर रौशनी डालना है। यह बल ब्रह्मांड का 68 प्रतिशत हिस्सा बनाता है और इसके विस्तार को तेज कर रहा है।
खुलेंगे ब्रह्मांड के अतीत और भविष्य के रहस्य
नक्शे से खगोलविदों को यह समझने में मदद मिलेगी कि ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुई और आगे यह कहां जा रहा है। साथ ही यह भी पता लगाया जा सकेगा कि क्या ब्रह्मांड हमेशा विस्तारित होगा या इसका भविष्य क्या हो सकता है? प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डॉ जूलियन गाय ने कहा कि टीम नए नक्शे के माध्यम से पूरे ब्रह्मांड में पैटर्न और संरचनाओं को देख रही थी। उन्होंने कहा कि आकाशगंगाएं ब्रह्मांड में सबसे बड़ी संरचनाएं हैं।
पूरे ब्रह्मांड का सीटी-स्कैन कर रहे वैज्ञानिक
प्रोजेक्ट में शामिल डरहम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कार्लोस फ्रेंक ने कहा कि शुरुआती चरण में होने के बावजूद, वैज्ञानिक पहले से ही नई खोज करने में सक्षम हैं। उन्होंने समझाया कि DESI ब्रह्मांड के इस नक्शे के निर्माण में नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है जो अब तक का सबसे विस्तृत विवरण है। इससे हमें डार्क एनर्जी की प्रकृति के बारे में सुराग खोजने में मदद मिलेगी। इस नक्शे को अगर पूरे ब्रह्मांड का सीटी स्कैन कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
खगोलविदों का मानना है कि डार्क एनर्जी, जो ज्ञात ब्रह्मांड का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा बनाता है, गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव का विरोध कर रही है और संकुचन को रोक रही है। इसकी पुष्टि करने के लिए, और डार्क एनर्जी की घटना को समझने के लिए, टीम ने DESI बनाया है। जो 5,000 स्वचालित मिनी टेलीस्कोप से बना है, जिनमें से प्रत्येक हर 20 मिनट में एक नई आकाशगंगा की छवि बनाता है।