पुरे ब्रह्मांड में धरती जैसे 30 करोड़ ग्रह, जहां हो सकता है जीवन मुमकिन: NASA
ब्रह्मांड में अरसे से धरती जैसे दूसरे ग्रह की तलाश चल रही है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : ब्रह्मांड में अरसे से धरती जैसे दूसरे ग्रह की तलाश चल रही है, लेकिन खगोलविद के हाथ अब जाकर इसके पुख्ता संकेत मिले हैं। नासा के कैप्लर स्पेस टेलीस्कोप द्वारा बाह्यग्रहों (एग्जोप्लानेट) के जुटाए आंकड़ों से पता चला है कि आकाशगंगा में धरती जैसे 30 करोड़ ग्रह मौजूद हैं। जहां जीवन मुमकिन हो सकता है।
वाह्यग्रहों की तलाश और उन पर जीवन के संकेत ढूंढने के अभियान में कामयाबी
कैप्लर द्वारा करीब एक दशक तक एकत्र किए गए आंकड़ों को मिलाकर खगोलविद मे इन धरती सरीखे ग्रहों की गणना की है। डाटा का विश्लेषण करने वाले 44 खगोलविद का अध्ययन 'एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल' में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने उन बाह्यग्रहों को खोजा है जो पृथ्वी के ही आकार के थे और जिनकी सतह पथरीली होने की ज्यादा संभावना थी। साथ ही उनकी सतहों पर तरल पानी के अनुकूल हालात पर भी गौर किया गया।
इसके अलावा सूर्य जैसे तारों के आंकड़े भी जुटाए कैप्लर साइंस ऑफिस के निदेशक और अध्ययन के सह लेखक जेफ कॉगलिन का कहना है कि ताजा परिणाम से हम ब्रह्मांड में दूसरी जगह जीवन ढूंढने के एक कदम और करीब आ गए हैं। यह पृथ्वी से दूरसंचार योग्य सभ्यताओं की संख्या का आकलन करने में उपयोगी डार्क इक्वेशन के लिए अहम कार्य है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की खगोलविद नताली बटाल्ना का कहना है कि केप्लर अभियान के डाटा प्रकाशित होने तक भले ही 11 साल लग गए, लेकिन यह अहम जानकारी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारी आकाशगंगा में रहने योग्य ग्रहों की तादाद पूर्व में जताए अनुमानों से दोगुनी हो सकती है।
2009 में भेजा था मिशन
कैप्लर स्पेसक्राफ्ट को 2009 में आकाशगंगा में एक जगह मौजूद डेढ़ लाख तारों की निगरानी के लिए साढ़े तीन साल के मिशन पर भेजा था। केपलर ने ईंधन खत्म होने तक 2018 तक कार्य किया था। कैप्लर का औपचारिक लक्ष्य एटा-अर्थ की संख्या पता लगाना था।
सबसे नजदीक धरती 20 प्रकाश वर्ष दूर
खगोलविदों का कहना है कि धरती के सामान सबसे नजदीक ग्रह हम से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और चार ग्रह 30 वर्ष दूरी पर होने चाहिए। नासा का अनुमान है कि आकाशगंगा में 100 अरब तारे हैं जिनमें से चार अरब सूरज जैसे हैं। अगर इनमें से केवल सात फीसदी तारों में जीवन योग्य ग्रह हैं तो इस हिसाब से अकेले आकाशगंगा में 30 करोड़ धरती मौजूद हैं। वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार, 90 फ़ीसदी तारों के आवास योग्य क्षेत्र में धरती के समान पथरीली चट्टानें हैं।