Baikunth Chaturdashi पर भगवान शिव और विष्णु की पूजा से मिलेगा लाभ

Update: 2024-11-14 08:33 GMT
Baikunth Chaturdashi ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन बैकुंठ चतुर्दशी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। आपको बता दें कि बैकुंठ चतुर्दशी का त्योहार भगवान शिव और श्री हरि विष्णु को समर्पित होता है इस साल बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व आज यानी 14 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है
इस दिन भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधान होता है मान्यता है कि इनकी पूजा करने से स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है, और सारे काम बनते चले जाते हैं साथ ही जीवन के दुख और कष्टों से भी छुटकारा मिलता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा का शुभ समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बैकुंठ चतुर्दशी की तिथि और शुभ समय—
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 14 नवंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट से आरंभ हो चुका है और यह अगले दिन यानी की 15 नवंबर को शाम 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इस साल 14 नवंबर को ही बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट पर हो रही है वही रवि योग सुबह 6 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी की 15 नवंबर तक रहेगी। तीसरा सिद्धि योग सुबह 11 बजकर 30 मिनट से लेकर अगले दिन तक रहेगा।

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