विजया एकादशी के दिन इस विधि से करें पूजन

Update: 2024-03-04 08:46 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आता है अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि फाल्गुन मास की पहली एकादशी ​है इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है।
 मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस बार विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च को पड़ रहा है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा विजया एकादशी की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं।
 विजया एकादशी व्रत पूजन विधि—
आपको बता दें कि विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले रंग के वस्त्रों को धारण करें। भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए एकादशी व्रत का संकल्प करें। फिर चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर प्रभु की प्रतिमा स्थापित करें फिर श्री हरि को पीले पुष्प्, केले, बेसन की मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।
 अब भगवान को तुलसी दल अर्पित करें मगर ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर जल नहीं चढ़ाएं और ना ही इसे स्पर्श करें। लिहाजा एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते को तोड़ रख लें। इसके बाद धूप दीपक करें विष्णु चालीसा का विधिवत पाठ करें। एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें। इसके बिना पूजा पूरी नहीं माना जाता है अंत में भगवान विष्णु की आरती जरूर करें और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे फिर सभी में प्रसाद का वितरण करें। इस विधि से पूजा करने से भगवान प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
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