हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन भगवान श्री गणेश की पूजा को समर्पित संकष्टी चतुर्थी का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इस माह की प्रथम चतुर्थी 8 मई दिन सोमवार यानी आज मनाई जा रही है।
इस दिन उपवास रखकर श्री गणेश की पूजा करना उत्तम माना जाता है। इस चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन उपवास रखते हुए श्री गणेश की पूजा करना उत्तम माना जाता हैं तो आज हम आपको संकष्टी चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
श्री गणेश पूजन विधि—
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर भगवान श्री गणेश का ध्यान और प्रणाम करें इसके बाद सभी कार्यों को करने के बाद स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर आचमन कर खुद को शुद्ध करें और पीले रंग के वस्त्रों को धारण कर भगवान श्री सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान श्री गणेश के मंत्रों का जाप कर भगवान का आह्वान करें। वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:। निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥, इसके बाद श्री गणेश की पूजा फल, पुष्प, धूप दीपक, दूर्वा, चंदन आदि से करें।
भगवान को पीले पुष्प और दूर्वा चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं। भगवान की विधिवत पूजा कर आरती करें और सुख शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करें फिर दिनभर उपवास रखते हुए शाम के समय फिर से आरती पूजा करें और फलाहार करें। मान्यता है कि इस विधि से अगर पूजा पाठ किया जाए तो व्रत पूजन का पूर्ण फल साधक को प्राप्त होता है।