करवा चौथ पर ऐसे करें पूजा, जानिए इस दिन की पूजन सामग्री

इस वर्ष करवा चौथ 4 नवंबर को है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

Update: 2020-11-02 08:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडस्क| इस वर्ष करवा चौथ 4 नवंबर को है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन चांद देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू किया जाता है और चांद देखने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर ही व्रत खोलती हैं। इस दिन करवा माता के साथ पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं करवा चौथ की पूजन सामग्री और पूजन विधि।

करवा चौथ की पूजन सामग्री:

करवा चौथ में महिलाओं को मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे की आवश्यकता होती है।

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि:

1. इस दिन सुबह-सवेरे उठा जाएं। आपको सरगी के रूप में जो भोजन मिला है उसे ग्रहण करें और पानी पीएं। फिर निर्जला व्रत रखने का संकल्प करें। इस दिन सूर्य उदय होने से पहले ही स्नान कर लें।

2. शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना एक चौकी पर करें। फिर गणेश जी का पूजन करें। इन्हें पीले फूलों की माला, लड्डू और केला अर्पित करें।

3. फिर शिवजी और माता पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं और श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े चढ़ाएं। इसके बाद करवा माता का चित्र लगाएं।

4. अगरबत्ती और दीपक जलाएं। फिर मिट्टी का कर्वा लें और उस पर स्वास्तिक बनाएं।

5. करवा चौथ की पूजा के लिए शाम को मिट्टी की वेदी बनाएं और उसपर सभी देवताओं की स्थापना करें। इस पर करवा रखें।

6. फिर एक थाली लें और उसमें धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक लें। दीपक को जलाएं।

7. चांद निकलने से करीब एक घंटा पहले ही पूजा शुरू कर देनी चाहिए। मिट्टी का कर्वा लें और उसमें दूध, जल और गुलाब जल मिलाएं।

8. इस दिन करवा चौथा की कथा जरूर सुनें।

9. फिर चांद निकलने के बाद छलनी के जरिए चांद को देखें। चंद्रमा की पूजा करने के बाद अर्घ्य दें। चांद के दर्शन के बाद महिला को अपने पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।

10. सांस को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपये आदि दें। साथ ही उनसे सौभाग्यवती का आशीर्वाद लें।

11. व्रती महिला को काले और सफेद कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन लाल और पीले कपड़े पहना शुभ होता है।


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