सोम प्रदोष पर ऐसे करें शिव पूजा, भगवान शिव की होगी कृपा

Update: 2024-05-11 14:31 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि शिव साधना का दिन होता है इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का विधान होता है मान्यता है कि इस दिन भक्ति भाव से शिव शंकर की पूजा की जाए तो भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है और सारे दुख दर्द भी दूर हो जाते हैं इस साल प्रदोष व्रत 20 मई दिन सोमवार को किया जाएगा।
सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है आपको बता दें कि साल 2024 का यह पहला सोम प्रदोष व्रत है इस दिन सोमवार और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ने के कारण भक्तों को इस व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा। प्रदोष के दिन अगर भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा की जाए तो भक्तों को पूजा पाठ का पूर्ण फल मिलता है तो ऐसे में आज हम आपको पूजन की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि—
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर शिव पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प करें अब एक वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को साफ करें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और प्रतिमा को पुष्प व माला अर्पित करें। फिर चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं।
इसके बाद भगवान को खीर, हलवा, फल, मिठाईयों का भोग लगाएं। अब प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें प्रदोष पूजा शाम के समय अधिक फलदायी मानी जाती है इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें व्रती सात्विक भोजन से अपना व्रत अगले दिन खोलें। इस दिन गलत आचरण करने से बचें। इसके अलावा शिव मंत्रों का जाप भी करें इस दिन चालीसा पाठ करना भी लाभकारी माना जाता है।

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