श्रावण मास में ऐसे करें पारद शिवलिंग का पूजा-अर्चना, भगवान शिव होंगे शीघ्र प्रसन्न

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सर्वोत्म महीना है।

Update: 2021-07-23 14:50 GMT

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सर्वोत्म महीना है। इस महीने भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, इसीलिए शिव भक्त इस माह में तरह-तरह के उपाय से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इन प्रयासों में से एक आसान और सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला उपाय है पारद शिवलिंग का पूजन। मान्यता है कि परम् शिवभक्त रावण ने भी पारद शिवलिंग का पूजन कर अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी की थी। सावन के महीने में पारा और चांदी के समीश्रण से बने पारद शिवलिंग का पूजन करना चाहिए। आइए जानते हैं पारद शिवलिंग का पूजन करने की विधि और उसकी महत्ता..

1-पुराणों में वर्णित विभिन्न प्रकार के शिवलिंगों में पारद शिवलिंग सर्वोत्म है। इसका पूजन कहीं भी किया जा सकता है।
2- भगवान शिव की प्रिय धातु पारा और चांदी के समिश्रण से बने पारद शिवलिंग का पूजन करने से भगवान शिव अतिशीध्र प्रसन्न होते हैं।
3- मान्यता है कि एक पारद शिवलिंग का पूजन करने से सहस्त्र शिवलिंग के पूजन का फल मिलता है।
4- पारद शिवलिंग के पूजन से न केवल भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, बल्कि सभी ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
5- पारद शिवलिंग की पूजा प्राण प्रतिष्ठा किए बिना भी की जा सकती है। इसे घर अथवा दुकान में स्थापित किया जा सकता है।
6- पारद शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, सिन्दूर, चन्दन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए।
7- पारद शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को यदि हटाना हो तो इस जल को कभी भी पीपल, बरगद अथवा तुलसी के पौधे में नहीं डालना चाहिए।
8- शास्त्रोक्त विधि से बनवा कर इसकी उपासना की जाए तो सभी तरह की बाधाएं एवं कष्ट तत्काल दूर होते हैं।
9- पारद शिवलिंग के साथ दक्षिणावर्ती शंख को भी रखने से आर्थिक दृष्टि से लाभ होता है। व्यापार में वृद्धि होती है।
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