ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शीतला अष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि होली के सात दिन बार मनाई जाती है इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है इस दिन मां शीतला की पूजा अर्चना का विधान होता है साथ ही इस दिन देवी को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।
पंचांग के अनुसार शीतला अष्टमी का व्रत हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है इस बार यह पर्व 2 अप्रैल दिन मंगलवार यानी की कल मनाया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शीतला अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शीतला अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शीतला अष्टमी का व्रत 2 अप्रैल दिन मंगलवार यानी की कल किया जाएगा। शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है 2 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम को 6 बजकर 40 मिनट के बीच कभी भी माता शीतला की पूजा की जा सकती है यह मुहूर्त देवी साधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा अगर शुभ मुहूर्त में कि जाए तो देवी की अपार कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलती है। शीतला अष्टमी के दिन व्रती को सुबह उठकर स्नान आदि करना चाहिए इसके बाद माता की विधिवत पूजा करें और देवी को बासी चीजों का भोग लगाएं व मन ही मन मां शीतला से रोगों की मुक्ति के लिए प्रार्थना जरूर करें।