नवरात्रि में ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, शादी में आ रही बाधाएं होती हैं दूर

इस चैत्र नवरात्रि मां कात्यायनी की पूजा 7 अप्रैल को की जाएगी. आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और शीघ्र विवाह के उपाय.

Update: 2022-04-06 10:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से इनकी पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. साथ ही जिनके विवाह में समस्याएं आ रही है, वो यदि मां कात्यायनी की पूजा करें तो मनचाहा जीवन साथी मिल सकता है. इस चैत्र नवरात्रि मां कात्यायनी की पूजा 7 अप्रैल को की जाएगी. आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र और शीघ्र विवाह के उपाय.

ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन पीले वस्त्र पहनकर माता की पूजा करें. पूजन में पीले फूल और पीले भोग का इस्तेमाल करें. इसके बाद धूप-दीप से उनकी आरती करें.
शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
जिनकी शादी नहीं हो रही है या उसमें किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है तो इस दिन पीले वस्त्र पहनकर माता कात्यायनी के सामने दीया जलाएं. साथ ही उन्हें पीले फूल अर्पित करें. इसके साथ ही माता को पीली हल्दी की 3 गांठ अर्पित करें. इसके बाद मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करके हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी

कात्यायनी माता की आरती (Katyayani Mata Ki Aarti)

जय जय अंबे, जय कात्यायनी
जय जगमाता, जग की महारानी

बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहां वरदाती नाम पुकारा

कई नाम हैं, कई धाम हैं
यह स्थान भी तो सुखधाम है

हर मंदिर में जोत तुम्हारी
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी

हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भक्त हैं कहते

कात्यायनी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की

झूठे मोह से छुड़ाने वाली
अपना नाम जपाने वाली

बृहस्पतिवार को पूजा करियो
ध्यान कात्यायनी का धरियो

हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी

जो भी मां को भक्त पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे

जय जय अंबे, जय कात्यायनी
जय जगमाता, जग की महारानी


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