Parivartini Ekadashi पर करें भगवान विष्णु की पूजा, असीम कृपा की होगी प्राप्ति

Update: 2024-09-14 07:48 GMT
Parivartini Ekadashi ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन एकादशी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के दोनों पक्षों में पड़ती है ऐसे साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती है इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान होता है।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में शामिल है और इस दौरान पूजा पाठ व व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि एकादशी के दिन पूजा पाठ करने से दुख परेशानियां और संकट दूर हो जाता है पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 14 सितंबर दिन शनिवार यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि—
आपको बता दें कि आज एकादशी पर सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें फिर भगवान विष्णु का ध्यान करें अगर हो सकें तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें। अब मंदिर की साफ सफाई करें इसके बाद व्रत का संकल्प करें। फिर चौकी पर पीला वस़् बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें पुष्प माला अर्पित करें
 इसके बाद घी का दीपक जलाएं और विधि पूर्वक आरती करें भगवान के मंत्रों का जाप करें विष्णु चालीसा और व्रत कथा का पाठ करें अब भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पंचामृत, फल आदि चीजों का भोग लगाएं और भूल चूक के लिए क्षमा मांगे इसके बाद अपनी प्रार्थना कहें। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर करना लाभकारी होता है।
 एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप—
1. ऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि तन्नो: तुलसी प्रचोदयात।
2. ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
3. तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया ।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया ।।
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