गुरुवार के दिन इस तरह करें विष्णु जी की पूजा, इस मंत्र से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

आज साल 2021 के अप्रैल महीने का चौथा गुरुवार है। मकर संक्रांति पर पवित्र सरोवर में स्नान के बाद पूजा पाठ के साथ-साथ दान पुण्य का विशेष महत्व है।

Update: 2021-04-22 09:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज साल 2021 के अप्रैल महीने का चौथा गुरुवार है। मकर संक्रांति पर पवित्र सरोवर में स्नान के बाद पूजा पाठ के साथ-साथ दान पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता के मुताबिक इससे सूर्य देव के साथ-साथ अन्य भगवान भी प्रसन्न होते हैं।

गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। गुरु (Guru) से गुरुवार (Guruwar) बना है और गुरु एक महत्वपूर्ण ग्रह है। इतना ही नहीं बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक गुरुवार को विष्णु भगवान (Vishnu Bhagwan) का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु को जगत का पालन हार भी कहा जाता है। विष्णु भगवान के आशीर्वाद से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की आराधना के लिए बृहस्पतिवार का दिन सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता के मुताबिक गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से मनुष्य का जीवन सुखों से भर जाता है। गुरुवार को लक्ष्मी-नारायण दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन में खुशियां आती है और पति-पत्नी के बीच कभी दूरियां नहीं आतीं। साथ ही धन में भी वृद्ध‍ि होती है।
गुरुवार को केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करना बहुत शुभ माना गया है। ऐसा करने से गुरु मजबूत होता है, जिससे आरोग्य और सुख की वृद्धि होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। अगर आप इनका दान नहीं कर पाते हैं तो कोई बात नहीं इन्हें तिलक के रूप में लगाने से भी लाभ मिलता है इस दिन अगर आप कुछ उपाय करते हैं तो आपको जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या की नहीं होगी।
गुरुवार को पूजा करते समय विष्णु जी की आरती और चालीसा का पाठ तो करना ही चाहिए। साथ ही उनके कुछ मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है और विष्णु जी की कृपा भी भक्तों पर बनी रहती है। तो आइए पढ़ते हैं विष्णु जी के मंत्र।
विष्णु जी के मंत्र...
विष्णु रूपं पूजन मंत्र-शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
ॐ नमोः नारायणाय
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।
विष्णु गायत्री महामंत्र:
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र:
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
विष्णु जी के बीज मंत्र:
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
बृहस्पति शांतिपाठ के मंत्र:
ॐ अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)
ॐ बृं बीजाय नम: (गुहये)
ॐ शक्तये नम: (पादयो:)
ॐ विनियोगाय नम: (सर्वांगे)
गुरुवार के उपाय (Guruwar Ke Upay)
- ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- स्नान के समय 'ॐ बृ बृहस्पते नमः' का जाप भी करें।
- गुरु के भी प्रकार के दोष को दूर करने के लिए आप गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें।
- इसके साथ ही साथ नहाते वक्त "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप जरूर जाप करें।
- गुरुवार का व्रत रखें और केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से विवाह में आने वाली रुकावटों का समाधान होता है और अगर आप विवाहित हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती।


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