आज मासिक शिवरात्रि पर इस मुहूर्त में करें शिव पूजा

Update: 2022-11-22 06:03 GMT

आज 22 नवंबर दिन मंगलवार को मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि है. इसे अगहन की मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं. आज व्रत रखने और निशिता मुहूर्त में शिव पूजा करने का महत्व है. वैसे आप चाहें तो दिन में भी शिव आराधना कर सकते हैं. हालांकि शिवरात्रि की पूजा अर्चना रात्रि प्रहर में ही करने का विधान है. शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और दुख दूर होते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में.

मासिक शिवरात्रि 2022 मुहूर्त

मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 22 नवंबर, मंगलवार, सुबह 08 बजकर 49 मिनट से

मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: 23 नवंबर, बुधवार, सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर

मार्गशीर्ष शिवरात्रि पूजा मुहूर्त: रात 11 बजकर 41 मिनट से देर रात 12 बजकर 34 मिनट तक

मासिक शिवरात्रि पर सौभाग्य योग: आज प्रात:काल से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक

मासिक शिवरात्रि पर शोभन योग: आज शाम 06 बजकर 38 मिनट से कल तक

मासिक शिवरात्रि 2022 चौघड़िया मुहूर्त

चर-सामान्य: 09:28 ए एम से 10:48 ए एम

लाभ-उन्नति: 10:48 ए एम से 12:07 पी एम

अमृत-सर्वोत्तम: 12:07 पी एम से 01:27 पी एम

शुभ-उत्तम: 02:46 पी एम से 04:06 पी एम

मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि

1. आज सुबह दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. फिर ताबें के लोटे में लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत् और जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

ये भी पढ़ें: कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? जानें सही तिथि और स्नान-दान मुहूर्त

2. अब आप मासिक शिवरात्रि वत और शिव पूजा का संकल्प करें. फिर दैनिक पूजा करें.

3. इसके बाद दिनभर फलाहार पर रहें और शिव जी की भक्ति एवं भजन में समय व्य​तीत करें.

4. रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. फिर शिवलिंग पर चंदन, फूल, अक्षत्, शक्कर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शहद, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें.

5. इस दौरान आपको ओम नम: शिवाय पंचाक्षर मंत्र का उच्चारण करते रहना चाहिए. फिर शिव चालीसा और मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें.

6. इसके बाद घी के दीपक से शिव जी की आरती विधि विधान से करें. फिर शिव जी से अपनी मनोकामना कहें.

7. अगले दिन सुबह स्नान के बाद पूजन और दान करें. फिर सूर्योदय के बाद पारण करके मासिक शिवरात्रि व्रत को पूरा करें.


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