Mangala Gauri Vrat पर इस विधि से करें पूजा, खुशहाल रहेगा वैवाहिक जीवन

Update: 2024-07-23 08:00 GMT
Mangala Gauri Vrat ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है और कल ही सावन का पहला सोमवार था। यह पूरा महीना भगवान शिव की साधना को समर्पित होता है इस महीने भक्त भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं और दिनभर पूजा पाठ व व्रत आदि करते हैं जिस तरह सावन में सोमवार शिव साधना के लिए उत्तम माना गया है ठीक उसी तरह सावन का मंगलवार माता पार्वती की पूजा के लिए श्रेष्ठ होता है इस दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं उपवास रखकर मां गौरी की
विधिवत पूजा करती है
 इस दिन किए जाने वाले व्रत को मंगला गौरी व्रत के नाम से जानते हैं सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज यानी 23 जुलाई दिन मंगलवार को रखा जा रहा है इस दिन शादीशुदा महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दिनभर उपवास रखती है तो वही कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए पूजा पाठ और व्रत करते हैं माना जाता है कि मंगला गौरी के दिन शिव पार्वती की पूजा करने से देवी की असीम कृपा बरसती है और दुख दूर हो जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मंगला गौरी की पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 मंगला गौरी पूजा विधि—
आपको बता दें कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर के मंदिर की अच्छी तरह साफ सफाई करें और महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण कर एक वेदी पर माता गौरी की प्रतिमा स्थापित करें। मां गौरी का ध्यान करके उनका अभिषेक करें अब देवी को आभूषणों और वस्त्रों से सजाएं। फिर सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें इसके बाद कुमकुम का तिलक लगाएं।
 घी का दीपक जलाएं इसके बाद वैदिक मंत्रों का जाप करें और माता को प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी की कथा का पाठ करें या सुनें। वहीं खीर का भोग लगाएं और आरती से पूजा को पूर्ण करें। इसके बाद पूजा में होने वाली भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और अपनी मनोकामना देवी से कहें। इसके बाद बड़ों का आशीर्वाद लें। अब अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोले। फिर सात्विक भोजन करें।
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