हनुमानजी की पूजा, करें इस तरह शनि दोष से भी मिलेगी मुक्ति

धर्म शास्त्रों के मुताबिक सात चिरंजीवियों में हनुमानजी भी एक हैं. छह अन्य चिरंजीवी अश्वत्थामा, महर्षि वेद व्यास, विभीषण, बलि, कृपाचार्य और भगवान परशुराम हैं

Update: 2022-04-12 08:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  धर्म शास्त्रों के मुताबिक सात चिरंजीवियों में हनुमानजी भी एक हैं. छह अन्य चिरंजीवी अश्वत्थामा, महर्षि वेद व्यास, विभीषण, बलि, कृपाचार्य और भगवान परशुराम हैं. मान्यता है कि कलयुग में हनुमानजी की उपासना अत्यंत शुभकारी है. कहते हैं कि भगवान हनुमान का नाम लेने मात्र से संकट टल जाते हैं. हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) आने वाली है. अंजनी पुत्र हनुमानजी (Hanuman) का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को हुआ था. इस साल यह तिथि 16 अप्रैल को पड़ने वाली है. आइए जानते हैं हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022) के दिन हनुमानजी की पूजा के नियम.

हनुमानजी की पूजा के नियम
-धर्म शास्त्रों के मुताबिक हनुमानजी की पूजा में बूंदी की लड्डुओं का इस्तेमाल करना चाहिए. मान्यता है कि हनुमानजी को लड्डू अत्यंत प्रिय है. वहीं हनुमानजी की पूजा में चरणामृत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
-शास्त्रों में हनुमानजी को पूर्ण ब्रह्मचारी हैं. ऐसे में इनकी पूजा के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इसके साथ भी इनकी पूजा में विचारों को भी शुद्ध रखने चाहिए.
-हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हनुमानजी की उपासना के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन उत्तम है. इसके अवाला इस दिन हनुमानजी की पूजा से शनि का प्रकोप भी दूर हो जाता है.
-हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी की पूजा के दौरान किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन मांस और लहसुन-प्याज के सेवन से भी परहेज करना चाहिए.
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शनि दोष से मुक्ति के उपाय
इस बार हनुमान जयंती शनिवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में यह दिन शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास माना जा रहा है. इस दिन शनि के प्रकोप से छुटकारा पाने के लिए हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए. इसके अलावा इस दिन शनि देव से समक्ष तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए. साथ ही जरुरतमंदों के बीच दान करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से शनि देव की दशा में लाभ होता है.


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