ललिता पंचमी पर ऐसे करें माता सती की पूजा, पढ़ें संपूर्ण विधि

Update: 2023-10-05 06:39 GMT
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन ललिता पंचमी बेहद ही खास मानी जाती है जो कि हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन माता सती के ललिता स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है माना जाता है कि ललिता पंचमी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से माता की कृपा मिलती है और सभी तरह के रोग दोष भी दूर हो जाते हैं।
 ललिता पंचमी का व्रत सबसे अधिक गुजरात और महाराष्ट्र में किया जाता है मान्यता है कि इस दिन देवी ललिता की पूजा करने से सुख समृद्धि बढ़ती है और कष्टों में कमी आती है। इस साल ललिता पंचमी का पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा माता सती के ललिता स्वरूप की पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 ललिता पंचमी की पूजा विधि—
आपको बता दें कि ललिता पंचमी का व्रत माता सती के ललिता स्वरूप को समर्पित किया गया हैं इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद मंदिर में ललिता पंचमी व्रत का संकल्प करें। सबसे पहले भगवान श्री गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और फिर अशोक सुन्दरी माता की आराधना करें।
 साथ ही उनसे सुख समृद्धि का वरदान मांगे। माता ललिता के चित्र के समक्ष घी का दीपक जलाएं और माता ललिता सहस्रावली का पाठ करें। अंत में देवी की आरती पढ़ें। पूजन के समय आपका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए।
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