विनायक चतुर्थी पर इस तरह करें गणेश की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में हर चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की तिथि माना जाता है।

Update: 2020-11-18 03:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्कहिंदू धर्म में हर चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की तिथि माना जाता है। इस दिन गणपति जी की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश भक्त विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करते हैं। आज शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाएगी। इसे वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

विनायक चतुर्थी का महत्व:

मान्यता है कि भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि बेहद प्रिय है। ऐसे में चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जो पूजा करता है उसके सभी कष्ट विघ्नहर्ता हर लेते हैं। गणेश भगवान अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। साथ ही उन्हें ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।

विनायक चतुर्थी की पूजन विधि:

गणेश पूजा को चतुर्थी के दिन दोपहर को मध्याह्न काल में किया जाता है। यह पूजा करने से भक्तों के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। यह व्रत करने से व्यक्ति के व्‍यापार में बढ़ोत्‍तरी होती है। इस दिन व्यक्ति को ब्रह्म मूहर्त में उठना चाहिए। सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर दोपहर के समय गणेश जी का पूजन करें। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। फिर गणेश जी की आरती करें। इसके बाद ॐ गं गणपतयै नम: का जाप करें। गणेश जी को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इन्हें प्रसाद के रूप में भी बांटें।

विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त:

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी 18 नवंबर, रात 1 बजकर 17 मिनट से 18 नवंबर रात 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। इसके पूजन का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक का है।

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