महिलाएं आज इस विधि से करें पूजा, सभी मनोरथ होंगे पूर्ण

Update: 2023-07-25 10:36 GMT
हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना गया हैं और इस माह पड़ने वाले सोमवार और मंगलवार का भी खास महत्व होता हैं सावन का सोमवार जहां शिव साधना के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता हैं, तो वही इस माह पड़ने वाले मंगलवार को मां गौरी की पूजा के लिए उत्तम बताया गया हैं।
 इस दौरान महिलाएं दिनभर का उपवास रखते हुए मां गौरी की विधि विधान से पूजा करती हैं, जिसे मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता हैं, आज सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत हैं इस दिन माता पार्वती और शिव की पूजा अर्चना करने से शादीशुदा जीवन में आने वाला तनाव दूर हो जाता हैं, शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं साथ ही साथ सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं, तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मंगला गौरी व्रत पूजन की संपूर्ण विधि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 मंगला गौरी व्रत पूजा की संपूर्ण विधि—
सावन के चौथे मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती को सुबह उठकर स्नान आदि करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर व्रत पूजा का संकल्प करें। इसके बाद पूजन स्थल की अच्छी तरह सफाई करें और माता पार्वती व शिव की प्रतिमा को स्थापित करें। फिर देवी को सिंदूर लगाएं, पुष्प आदि चढ़ाकर सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें इसके बाद धूप दीपक जलाकर मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें।
 इसके बाद देवी को भोग चढ़ाएं और उनकी विधिवत आरती गाएं पूजन के अंत में भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और अपनी प्रार्थना देवी मां से कहें। माना जाता हैं कि इस विधि से अगर मंगला गौरी व्रत की पूजा की जाए तो साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती हैं और सभी इच्छाएं भी पूरी हो जाती हैं।
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