ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन संतान सुख की कामना से किया जाने वाला यशोदा जयंती व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि मां यशोदा और भगवान कृष्ण की पूजा को समर्पित होता है इस दिन शादीशुदा महिलाएं दिनभर उपवास रखकर पूजा पाठ करती है ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर यशोदा जयंती का पर्व मनाया जाता है इस बार यह पर्व आज यानी 1 मार्च दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है इस दिन घर या मंदिर में भगवान कृष्ण और मां यशोदा की विधिवत पूजा की जाती है तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा यशोदा जयंती की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
यशोदा जयंती पूजन नियम—
आपको बता दें कि आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजन स्थल पर एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान कृष्ण और मां यशोदा की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पंचामृत से स्नान करवाएं। अब पीले पुष्प की माला भगवान को अर्पित करें कुमकुम और गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
माखन मिश्री और फल मिठाई का भोग लगाएं। भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें इसके साथ ही मां यशोदा का भी ध्यान करें। अब आरती करके पूजा को पूर्ण करें अंत में शंखनाद जरूर करें। पूजन के दौरान हुई गलतियों के लिए प्रभु से क्षमा जरूर मांगे और दिनभर का उपवास रखें। साथ ही अगले दिन सुबह प्रसाद को ग्रहण करके अपने व्रत का पारण करें। ऐसा करने से संतान सुख की इच्छा पूरी हो जाती है।