वैवाहिक जीवन सुखी और मधुर हो. इसके लिए महिला और पुरुष दोनों ही भरसक प्रयास करते हैं. हालांकि, इसके बावजूद कई लोगों का दांपत्य जीवन सुखी नहीं होता है. इ्सके पीछे का कारण वास्तु हो सकता है. बेडरूम घर का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है. ऐसे में इसका वास्तु ठीक होना काफी मायने रखता है. हालांकि, कई बार बेडरूर को वास्तु के हिसाब से बनाए जाने के बावजूद भी शुभ फल नहीं मिलता है. इसकी वजह सोने की दिशा हो सकती है. शादीशुदा कपल्स को सही दिशा में सोना बेहद जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शादीशुदा महिला को किस दिशा में सोना चाहिए.
वायव्य कोण
वास्तु के अनुसार, उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच को स्थान को वायव्य कोण कहा जाता है. ऐसे में विवाहित महिलाओं को कभी भी सोते समय इस दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से महिलाओं के मन में नकारात्मक विचार आते हैं और वह रिश्ते को खत्म करने के बारे में सोचने लगती हैं.
दक्षिण दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विवाहित स्त्रियों को सोते समय सिर दक्षिण दिशा की ओर करना चाहिए. वहीं, कभी भी महिलाओं का पैर दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. यह दिशा यमराज की मानी जाती है.
उत्तर दिशा
विवाहित महिलाओं को उत्तर दिशा की तरफ भी कभी पैर करके नहीं सोना चाहिए. यह दिशा धन के स्वामी कुबेर की मानी जाती ह. इस दिशा में पैर करके सोने से धन हानि होने की आशंका बने रहती है. इसके आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है.
दक्षिण-पश्चिम दिशा
विवाहित स्त्रियों के साथ ही कुंवारी कन्याओं को भी सोते समय विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. कन्याओं को कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए. इससे उनके विवाह में विलंब होता है. कन्याओं को उत्तर दिशा में पैर करके सोना चाहिए. इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.