Jitiya Vrat जितिया व्रत : हिंदू धर्म में जितिया व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत रखती हैं और अनुष्ठान करती हैं। इस दिन को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत भारत में मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 25 सितंबर को मनाया जाएगा.
इस दिन (जितिया व्रत 2024) की पूजा उचित आरती करके ही पूरी करनी चाहिए ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सके। हिंदू कैलेंडर के अनुसार जितिया व्रत 25 सितंबर को मनाया जाता है. वहीं, पारण अगले दिन यानी अगले दिन भी किया जा सकता है। 26 सितंबर को 4:35 से 5:23 बजे तक।
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।