शन‍िदेव क्‍यों रहते हैं पिता सूर्यदेव से नाराज, जाने इसके पीछे का महत्व

शनिदेव का नाम आते ही कुछ लोग भयभीत हो जाते हैं। लोगों का मानना है कि शनिदेव क्रोधी स्वबाव के हैं और अशुभ फल प्रदान करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्यायदेवता माना गया है।

Update: 2022-05-29 03:58 GMT

शनिदेव का नाम आते ही कुछ लोग भयभीत हो जाते हैं। लोगों का मानना है कि शनिदेव क्रोधी स्वबाव के हैं और अशुभ फल प्रदान करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्यायदेवता माना गया है। शनि सेवा व कर्म के कारक है। कहते हैं कि शनिदेव हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। जानें शनिदेव से जुड़ी पौराणिक कथाएं-

शनिदेव क्यों रहते हैं पिता सूर्यदेव से नाराज-

शनिदेव के काले रंग को देखकर सूर्यदेव ने पत्नी छाया पर संदेह किया और उन्हें अपमानित करते हुए कह दिया कि यह मेरा पुत्र नहीं हो सकता। मां के तप की शक्ति शनिदेव में भी आ गई थी और उन्होंने क्रोधित होकर अपने पिता सूर्यदेव की ओर देखा तो सूर्यदेव बिल्कुल काले हो गए, उनके घोड़ों की चाल रूक गई। परेशान होकर सूर्यदेव को भगवान शंकर की शरण लेनी पड़ी। इसके बाद भगवान शिव ने सूर्यदेव को उनकी गलती का अहसास कराया। सूर्यदेव ने अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी। जिसके बाद फिर से उन्हें असली रूप वापस मिला। लेकिन पिता पुत्र का संबंध जो एक बार खराब हुआ वह आज तक नहीं सुधरा। शनिदेव को अपने पिता सूर्य का विद्रोही माना जाता है।

शनिदेव की क्यों है टेढ़ी दृष्टि-

ब्रह्म पुराण के अनुसार, शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे। शनिदेव जब युवा हुए तो उनका विवाह चित्ररथ की पुत्री से हो गया। शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में इतने लीन रहते थे कि वह अपनी पत्नी पर भी ध्यान नहीं दे पाते थे। उनकी पत्नी इस बात से गुस्सा हो गईं और उन्होंने शनिदेव को श्राप दे दिया कि जिस पर भी उनकी दृष्टि पड़ेगी वह नष्ट हो जाएगा। शनिदेव ने उन्हें मनाने की कोशिश की। पत्नी को भी अपनी इस करनी पर अफसोस हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वो अपना श्राप वापस नहीं ले सकती थीं। इस कारण माना जाता है कि शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि किसी का भी विनाश कर सकती है।

Tags:    

Similar News

-->