हनुमान जी की पूजा से क्यों शांत हो जाते हैं शनिदेव...जाने इसके पीछे का इतिहास

हनुमान जी को शिव जी का अवतार माना जाता है। वहीं, यह भी कहा जाता है

Update: 2021-04-25 01:48 GMT

हनुमान जी को शिव जी का अवतार माना जाता है। वहीं, यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव शांत हो जाते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब हनुमान जी शिवजी के अवतार हैं तो आखिर हनुमान जी की पूजा से क्यों शांत रहते हैं शनिदेव। इसके पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है।

पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सीता को ढूंढने के लिए हनुमान जी लंका पहुंचे थे तो उनकी नजर शनिदेव पर पड़ी। शनिदेव से उन्होंने पूछा कि वो यहां क्यों हैं। तब शनिदेव ने बताया कि रावण ने अपने योग बल से उन्हें कैद कर रखा है। यह सुनकर हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से आजाद कराने की कोशिश की और उन्होंने शनिदेव को छुड़वा भी लिया। इससे शनिदेव बेहद प्रसन्न हो गए हैं और उन्होंने बजरंगबली से वरदान मांगने को कहा। तब बजरंगबली ने कहा कि कलियुग में जो भी मेरी पूजा और आराधना करेगा उसे आप कभी अशुभ फल नहीं देंगे। इसलिए हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार-मंगलवार को की जाती है हनुमान जी की पूजा:
इस दिन सुबह में उठकर स्नान कर लेना चाहिए। फिर लाल कपड़ें पहनने चाहिए। हाथ में जल लें और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने व्रत का संकल्प करें। इसके बाद बजरंगबली के समक्ष घी का दीपक जलाएं। उन्हें फूल माला अर्पित करें। फिर रुई में चमेली का तेल लें और उनके सामने रखें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें। फिर हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें। अंत में आरती करें और बजरंगबली को भोग लगाएं। शनिवार-मंगलवार के दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करना चाहिए। एक बार फिर से शाम के समय हनुमान जी की पूजा करें और उनके सामने दीपक जलाकर आरती करें।


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