नवरात्रि क्यों मनाई जाती है, जानें इतिहास और महत्व

आज से नवरात्रि (Navratri) का पावन त्योहार शुरू हो रहा है. इन नौ दिनों में माता दुर्गा के अलग- अलग स्वरूपों में पूजा अर्चना करते हैं. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़े पौराणिक कथाओं के बारे में.

Update: 2021-10-07 03:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज से नवरात्रि (Navratri) का पावन त्योहार शुरू हो गया है. नवरात्रि के नौ दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो मां दुर्गा की पूजा सच्चे मन से करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इन नौ दिनों तक माता दुर्गा के अलग- अलग स्वरूपों में पूजा की जाती है.

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होती है. पूरे देश में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार नवरात्रि का त्योहार 07 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. इस बार नवरात्रि में दो तिथियां पड़ने की वजह से 8 दिन की है.
नवरात्रि के त्योहार का खास महत्व होता है. सालभर में चार बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में इसे जुड़ी दो पौराणिक कथाएं प्रचलित है. आइए जानते हैं नवरात्रि के पौराणिक इतिहास और महत्व के बारे में.
पहली पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था जिसने ब्रह्मा जी को अपने तपस्या से प्रसन्न किया था. महिषासुर ने ब्रह्मा जी से वरदान मांगा था कि उसे कोई भी देव, दानव या धरती पर रहने वाला व्यक्ति वध न कर पाएं. ब्रह्मा जी के वरदान के बाद उसमें पृथ्वी पर अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया था. महिषासुर के वध के लिए देवी दुर्गा का जन्म हुआ था. मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक घमासान युद्ध चला और दसवे दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था.
दूसरी कथा के अनुसार, भगवान राम ने रामेश्वरम में नौ दिनों तक माता दुर्गा की पूजा अर्चना की. माता दुर्गा ने प्रसन्न होकर श्री राम को जीत का आशीर्वाद दिया था. इसके बाद दसवे दिन राम ने रावण से युद्ध कर लंका पर विजय प्राप्त की, इसलिए दसवी तिथि को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है.


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