मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है खिचड़ी, जानिए इसका महत्व

हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन इन सभी में खिचड़ी यानी मकर संक्रांति को बेहद ही खास माना जाता है

Update: 2023-01-06 14:10 GMT
ज्योतिष। हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन इन सभी में खिचड़ी यानी मकर संक्रांति को बेहद ही खास माना जाता है हर साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस बार इसकी तिथि को लेकर थोड़ी दुविधा बनी हुई है ज्योतिष अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे इस पर्व को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके बाद से सूर्य उत्तर दिशा में गमन करने लगता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और इसका दान करने का विशेष महत्व होता है मान्यता है कि खिचड़ी के बिना ये त्योहार पूरा नहीं होता है शास्त्रों में इसे नवग्रहों का प्रसाद माना जाता है मान्यता है कि मकर संक्रांति पर इसका दान व प्रयोग करने से सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है तो आज हम आपको मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी के इस्तेमाल से जुड़ी अहम जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का चलन भगवान भोलेनाथ के अवतार कहे जाने वाले बाबा गोरखनाथ से जुड़ी मानी जाती है कथा के अनुसार खिलजी और उसकी सेना से युद्ध लड़ने के कारण नाथ योगी न ही भोजन पका पाते थे और न ही खा पाते थे इस कारण से हर दिन योगी अक्सर भूखे रह जाते थे ऐसे में उनकी शारीरिक शक्ति कमजोर हो रही थी।
इस समस्या का हल निकालने के लिए बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जी को मिलाकर एक पकावान बनाने को कहा, जिसे खिचड़ी का नाम दिय गया इसे बनाने में अधिक समय नहीं लगता था और इसे खाने के बाद योगी शक्ति को महसूस करते थे ऐसे में हर साल मकर संक्रांति के शुभ पर पर्व बाबा गोरखनााि को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है इस दिन खिचड़ी और इससे जुड़ी सभी सामग्रियों का दान करना फलदायी माना जाता है।
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