ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महाशिवरात्रि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिव पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था जिसकी खुशी में यह पर्व मनाया जाता है इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च दिन शुक्रवार यानी कल मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि की रात को बेहद ही खास माना गया है इस दिन रात्रि जागरण करने का भी विधान होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा रात्रि जागरण के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
क्यों किया जाता है रात्रि जागरण—
वैज्ञानिक तौर पर अगर देखा जाए तो महाशिवरात्रि की रात उत्तरी गोलाद्र्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि व्यक्ति के शरीर के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से उपर ब्रह्मांड की ओर जाने लगती है। मानों प्रकृति स्वयं मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद कर रही होती है।
ऐसे में मनुष्य को महाशिवरात्रि की रात्रि रीढ़ सीधी करके ध्यान मुद्रा में बैठने या फिर मंत्रों उच्चारण करने की सलाह दी जाती है जिससे जातक को प्रकृतिक स्थिति का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग महाशिवरात्रि की रात विशेष रूप से पूजा पाठ करते हैं अगर आप भी महाशिवरात्रि पर विशेष पूजन करना चाहते हैं तो आप चार प्रहर में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर सकते हैं।