हिंदू धर्म में स्नान को बहुत ही महत्व दिया जाता है. तीज-त्योहारों पर लोग गंगा स्नान के लिए जाते हैं. मान्यता है कि स्नान करने से पापों का अंत होता है.जो लोग गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वह घर पर ही स्नान कर लेते हैं. हिंदू धर्म और शास्त्रों में हर दिन नहाने के भी कुछ नियम बताए गए हैं. नहाने के इन नियमों का पालन करने से इंसान सेहतमंद रहता है. सवाल यह है कि आखिकार नहाने के लिए कौन का समय सही है और कौन सा गलत. सुबह नहाने से क्या होता है और दोपहर में नहाने के क्या नुकसान हैं जानें यहां.
नहाने का क्या है सही समय
शास्त्रों में नहाने के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ माना गया है. सूर्य उगने से पहले नहाने से सेहत अच्छी रहती है और इसे बहुत ही शुभ माना जाता है.लेकिन जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में नहीं नहा पाते हैं उनके लिए नहाने का सही समय शिव और हरि मुहूर्त होता है. लेकिन दोपहर में नहाना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है.हालांकि शाम को नहाने का विधान शास्त्रों में बताया गया है.
नहाने के तीन शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त-3.30 बजे से 5.30 बजे तक
शिव मुहूर्त-सुबह 6 बजे से 8 बजे तक
हरि मुहूर्त-सुबह 8 बजे से 10 बजे तक
दोपहर में नहाना क्यों है अशुभ
शास्त्रों में दोपहर को नहाना बहुत ही अशुभ बताया गया है. कहा जाता है कि 10 बजे से 12 बजे के बीच नहाने से शरीर में रोग बढ़ते हैं. 10 से 12 बजे तक का समय प्रेत मुहूर्त माना जाता है. प्रेत मुहूर्त में नहाने से शरीर बीमारियों से घिर सकता है और शरीर में खून भी कम हो सकता है. अगर दोपहर में नहाना आपकी मजबूरी है तो निरोगी रहने के लिए नहाने के बाद आरती और गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.
शाम को नहाने के लिए कौन सा समय सही
अगर आप सुबह नहीं नहा पाते हैं तो शाम के समय नहा सकते हैं.लेकिन इसके लिए शाम को 4 बजे से 7 बजे के बीच का समय चुनना चाहिए. साथ ही नहाने के बाद शाम की आरती जरूर करनी चाहिए.
नहाने से होते हैं ये बड़े फायदे
ब्रह्म मुहूर्त में नहाने से बुद्धि, विद्या, सुख, जीवन में शांति और आरोग्य मिलता है.वहीं शिव और हरि मुहूर्त में नहाने से सुख, शांति के सा ही धन और वैभव, सफलता मिलती है. साथ ही इंसान निरोगी रहता है.