हस्तरेखा शास्त्र में हथेली पर बनने वाली रेखाओं को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर जातक की हथेली पर कई तरह की रेखाएं बनती है जो उसके भविष्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करती है हथेली पर बनी ये रेखाएं शुभ और अशुभ दोनों तरह की होती है। जिनमें शुभ रेखाएं व्यक्ति के जीवन में खुशहाली का संकेत देती हैं तो वही अशुभ रेखाएं दुख परेशानियों की ओर इशारा करती है।
हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो कुछ ऐसी भी रेखाएं होती हैं जो यह बताती है कि व्यक्ति के आराध्य देव कौन से है और उन्हीं किस देवी देवता की पूजा करने से अधिक लाभ प्राप्त होगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख में इसी विषय पर बात कर रहे हैं तो आइए जानते है।
हथेली की रेखाएं—
हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो अगर किसी जातक की हथेली पर बनने वाली ह्रदय रेखा पर अगर त्रिशूल जैसी कोई आकृति बनी होती है जो ऐसे जातक को शिव शंकर की पूजा करने से लाभ मिलता है और जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते है।
इसके अलावा हथेली पर बनने वाली ह्रदय रेखा के अंत के स्थान से कोई शाख निकलकर अगर गुरु पर्वत पर जाकर रुक जाती है तो ऐसे व्यक्ति को हनुमान जी की आराधना करने का लाभ अधिक मिलता है इससे जीवन के सभी संकट व दुख दूर हो जाते है। हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो अगर किसी जातक की हथेली पर सूर्य पर्वत दबा हुआ है तो ऐसे जातक को भगवान सूर्यदेव की नियमित पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि सूर्य आराधना करने से उनको सफलता मिलती है और मान सम्मान भी प्राप्त होता है।