हनुमान जी की पूजा करते समय जरूर करें आरती, जानें इसका महत्व

हनुमान जी की विशेष पूजा मंगलवार को की जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इन्हें बजरंगबली के रूप में भी जाना जाता है।

Update: 2021-03-23 02:08 GMT

हनुमान जी की विशेष पूजा मंगलवार को की जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इन्हें बजरंगबली के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह था। इन्हें पवन-पुत्र भी कहा जाता है। क्योंकि इनके पालन-पोषण में वायु अथवा पवन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन पूजा करने के दौरान व्यक्ति को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति को हनुमान जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा करते समय उनकी आरती भी करनी चाहिए। हनुमान जी की आरती करने से वो प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आइए पढ़ते हैं हनुमान जी की आरती।


हनुमान जी की आरती-

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।


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