शनि देव की पूजा औरतें कर सकती हैं या नहीं, जाने

शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए न केवल उन कामों से बचना चाहिए, जो शनि को नापसंद हैं. साथ ही उनकी पूजा में भी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.

Update: 2021-12-09 07:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनि देव को बहुत अहम लेकिन क्रूर देवता माना गया है. वे जल्‍दी नाराज हो जाते हैं और उनकी नाराजगी बहुत भारी भी पड़ती है. लिहाजा शनि से संबंधित हर चीज को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, फिर चाहे वह शनि देव की पूजा का ही मसला क्‍यों न हो. शनि देव की पूजा को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में होते हैं. इन्‍हीं में से एक सवाल है कि महिलाओं को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं.

पूजा में जरूरी है सावधानी
शनि देव की पूजा बहुत सावधानी से करना चाहिए क्‍योंकि इसमें की गई एक गलती भी जिंदगी को संकट में डाल सकती है. खासतौर पर ऐसे लोग जो बुरे या अनैतिक काम करते हैं, वे तो हमेशा ही शनि की नजर में रहते हैं. इसलिए उन्‍हें न्‍याय का देवता कहा जाता है. जहां तक बात महिलाओं द्वारा शनि देव की पूजा करने की है तो कुंडली में शनि की बुरी स्थिति से बचने के लिए उनकी आराधना कर सकती हैं. शनि की कुदृष्टि से निजात पाने के उपाय कर सकती हैं लेकिन उन्‍हें गलती से भी शनि देव की मूर्ति को छूना नहीं चाहिए. ऐसा करना उनकी जिंदगी में भारी संकट ला सकता है.
इसलिए नहीं छूना चाहिए मूर्ति
महिलाओं को शनि देव की मूर्ति या उनके शिला रूप को छूना नहीं चाहिए. धर्म-शास्‍त्रों के मुताबिक ऐसा करने से महिलाओं पर शनि की नकारात्‍मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा पुराणों में कहा गया है कि शनि देव की नकारात्‍मकता का असर महिलाओं पर ज्‍यादा पड़ता है इसलिए उन्‍हें शनि की मूर्ति छूने या उस पर तेल चढ़ाने से बचना चाहिए. बेहतर है कि वे शनि मंदिर में शनि की शिला या पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक लगाएं. इसके अलावा वे शनि संबंधित चीजों का दान करके भी शनि देव की कृपा पा सकती हैं.
ऐसे लोग जो गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, एड्स, कुष्ठरोग, किडनी, पैरलिसिस, साइटिका, हृदयरोग, डायबिटीज, स्किन डिसीज से जूझ रहे हें, उन्‍हें शनि से संबंधित उपाय कर लेने चाहिए. इससे उन्‍हें बहुत राहत मिलेगी.


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