आज शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा के लिए कहां रखें मूर्ति? जानिए इसकी महत्वपूर्ण बातें

आज शरद पूर्णिमा है। इसे कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन रात्रि के समय में माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है।

Update: 2020-10-30 09:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज शरद पूर्णिमा है। इसे कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन रात्रि के समय में माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है। आज के दिन माता लक्ष्मी धरती पर घूमती हैं और जो लोग रात्रि जागरण करते हुए माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं, उनसे प्रसन्न भी होती हैं। आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर आप भी लक्ष्मी पूजा करने वाले हैं, तो आपको भी वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि लक्ष्मी पूजा के लिए वास्तु के क्या क्या नियम हैं?

लक्ष्मी पूजा के लिए वास्तु नियम

1. पूजा स्थान साफ सुथरा तथा हल्के रंग से रंगा होना चाहिए। साफ सफाई से सकारात्मकता का संचार होता है। पूजा घर को गुलाबी, हल्के पीले आदि रंगों से ही रंगवाना चाहिए।

2. तामसिक रंगों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंग जैसे काला, नीला या भूरा का प्रयोग पूजा घर तथा वहां के सामानों में न करें।

3. आपको माता लक्ष्मी तथा गणेश जी की मूर्ति को उत्तर पूर्व कोण या ईशान कोण में रखना चाहिए।

4. पूजा करते समय इस बात का ध्यान जरूर दें कि अपका मुख उत्तर या पूरब दिशा की ओर रहे। उत्तर दिशा को धन क्षेत्र माना जाता है, इसलिए इस दिशा में लक्ष्मी, गणेश तथा कुबेर की पूजा उत्तम होती है।

5. लक्ष्मी पूजा में आपको मिट्टी की नई मूर्ति या नई तस्वीर का प्रयोग करना चाहिए।

6. माता लक्ष्मी की पूजा के समय शंखनाद और घंटी जरूर बजाएं। इससे सकारात्मकता में वृद्धि होती है। निगेटिव एनर्जी खत्म होती है।

7. वास्तु शास्त्र के अनुसार, लाल रंग शक्ति और शौर्य का प्रतीक है। ऐसे में माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प आदि अर्पित करें।

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