ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रंग पंचमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि राधा कृष्ण को समर्पित दिन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार रंग पंचमी का पर्व होली के पांच दिन बाद यानी की चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
रंग पंचमी का पर्व मथुरा और वृन्दावन के कुछ मंदिरों में विशेष तौर पर मनाया जाता है। यह पर्व होली के उत्सव का समापन माना जाता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा रंग पंचमी की तारीख और मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 मार्च को रात 8 बजकर 20 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि अगले दिन यानी 30 मार्च को रात 9 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रंग पंचमी का पर्व 30 मार्च दिन शनिवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी के बाद होली के उत्सव का समापन हो जाता है। रंग पंचमी के दिन देवताओं के साथ होली खेलने का समय सुबह 7 बजकर 46 मिनट से सुबह 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी जी के साथ होली खेली थी। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस पावन दिन पर देवतागण धरती पर आकर रंग, गुलाल और अबीर से होली खेलते हैं। इस दिन लोग हवा में गुलाल उड़ाते हैं माना जाता है कि यह गुलाल जिस व्यक्ति पर पड़ता है उसे देवी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।