हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है.शिवरात्रि पर कई कथाएं प्रचलित रही हैं. एक मान्यता अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान सदाशिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि होना आवश्यक है.
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि के रुप में देश भर में हर्षोउल्लास के साथ मनाई जाती है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस साल महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ संयोग बन रहें हैं क्योंकि इस बार महाशिवरात्रि के साथ शनि प्रदोष व्रत भी है. आइये जानते हैं इस साल कब है महाशिवरात्रि? महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त क्या है?
महाशिवरात्रि 2023 तारीख
पंचांग के अनुसार इस वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी दिन शनिवार को 08 बजकर 2 मिनट से हो रहा है. चतुर्दशी तिथि का समापन अगले दिन 19 फरवरी दिन रविवार को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है. महाशिवरात्रि के लिए यह आवश्यक है कि निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि को ही हो, इस आधार पर महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 18 फरवरी को प्राप्त हो रहा है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी.
महाशिवरात्रि 2023 पूजा शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त सूर्योदय के समय से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू कर देते हैं. आप कभी भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. हालांकि महाशिवरात्रि पर निशिता काल पूजा का समय रात 12:09 बजे से शुरू हो रहा है, जो देर रात 01:00 बजे तक है. ऐसे में जिन लोगों को महाशिवरात्रि पूजा रात्रि के समय करनी है, उन्हें शिव पूजा के लिए कुल 51 मिनट का समय मिलेगा.
महाशिवरात्रि व्रत 2023 पारण समय
जो लोग 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं, वे अगले दिन 19 फरवरी को व्रत का पारण करेंगे. 19 फरवरी को महाशिवरात्रि व्रत का पारण सुबह 06 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 03 बजकर 24 मिनट के बीच कभी भी किया जा सकता है.
महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सदाशिव महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. इस वजह से महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इसके अलावा महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का दिन भी माना जाता है.
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