कब मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से ही भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं।

Update: 2022-06-17 05:06 GMT

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से ही भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही इन चार माह में हर तरह के मांगलिक कामों की पाबंदी हो जाती है। इसी कारण इस एकादशी को 24 एकादशियों में से विशेष माना जाता है। जानिए देवशयनी एकादशी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि।

देवशयनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी की तिथि- 10 जुलाई 2022

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी प्रारंभ- 9 जुलाई शाम 4 बजकर 39 मिनट से

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का समापन- 10 जुलाई दोपहर 2 बजकर 13 मिनट तक

अनुराधा नक्षत्र- 10 जुलाई सुबह 9 बजकर 55 मिनट से 11 जुलाई सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक

शुभ योग - 10 जुलाई सुबह 4 बजकर 2 मिनट से 11 जुलाई सुबह 12 बजकर 45 मिनट तक।

पारण का समय- 11 जुलाई सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 11 जुलाई सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर।

देवशयनी एकादशी का महत्व

आषाढ़ी एकादशी या देवशयनी एकादशी की महानता भगवान ब्रह्मा ने अपने पुत्र नारद को और फिर बाद में भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को सुनाई थी। देवशयनी एकादशी सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रत में से एक है जिसे पहली एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है। इस एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को पूरी प्रतिबद्धता के साथ करता है, उसे सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सांसारिक सुखों का भोग करने के बाद अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।


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