जब भगवान विष्णु ने भस्मासुर के संग किया था छल, जानिए ये कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार भस्मासुर के साथ छल किया था।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार भस्मासुर के साथ छल किया था। तो आइए पढ़ते हैं भगवान विष्णु द्वारा भस्मासुर के साथ किए गए छल की यह कथा।
भस्मासुर एक महापापी असुर था। उसने भगवान शंकर की घोर तपस्या की थी जिससे वो अपनी शक्ति बढ़ा सके। शिव जी ने प्रसन्न होकर भस्मासुर के मांगने पर उसे अमर होने का वरदान दिया। भगवान शंकर ने कहा कि वो कुछ और मांग ले। तब भस्मासुर ने वरदान मांगा कि वो जिसके भी सिर पर हाथ रखे वो भस्म हो जाए। यह सुन शंकर जी ने उसे यह वरदान दे दिया और कहा तथास्तु।
जब शंकर जी ने भस्मासुर को यह वरदान दिया तक भस्मासुर ने इस वरदान की शक्ति को परखना चाहा। इसे परखने के लिए वो शंकर जी के पीछे भागा। वो उनके सिर पर हाथ रखना चाहता था। यह देख शिवजी भी वहां से भागने लगे। वह जाकर विष्णुजी की शरण में छिप गए। उन्हें बचाने के लिए विष्णुजी ने एक सुन्दर स्त्री का रूप किया। इस स्त्री ने भस्मासुर को आकर्षित किया। उस स्त्री को देख वो सब भूल गया और मोहिनी स्त्रीरूपी विष्णु ने भस्मासुर को खुद के साथ नृत्य करने के लिए प्रेरित किया। यह सुन भस्मासुर भी मान गया।
भस्मासुर, मोहिनी के साथ नृत्य करने लगा। फिर सही मौका देख मोहिनी रूपी विष्णु जी ने अपना हाथ अपने सिर पर रखा। यह देख भस्मासुर ने भी अपना हाथ सिर पर रख दिया। वह यह भूल गया था कि उसे शिव जी से क्या वरदान मिला है। ऐसे में भस्मासुर अपने ही प्राप्त वरदान से भस्म हो गया।
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