कब है विवाह पंचमी? जानिए इसका महत्व और मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी के तौर पर मनाया जाता है. शास्त्रों में इस दिन की खास अहमियत बताई गई है. परम्परा है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था.
जनता से रिश्ता। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी के तौर पर मनाया जाता है. शास्त्रों में इस दिन की खास अहमियत बताई गई है. परम्परा है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था. प्रत्येक वर्ष इस दिन को प्रभु राम एवं माता सीता की शादी की सालगिरह के तौर पर मनाया जाता है. वही इस बार विवाह पंचमी का शुभ दिन 8 दिसंबर बुधवार के दिन है. इस दिन सीता-राम के मंदिरों में विशाल आयोजन किए जाते हैं. लोग पूजन, यज्ञ एवं अनुष्ठान करते हैं. साथ ही कई स्थानों पर श्री रामचरितमानस का पाठ किया जाता है. मिथिलांचल तथा नेपाल में तो ये त्यौहार बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि माता सीता वहीं की बेटी थीं. यहां जानिए इस त्यौहार का महत्व और शुभ मुहूर्त...
इस दिन का महत्व:-
इस दिन को उन व्यक्तियों के लिए काफी शुभ माना जाता है जिनके विवाह में किसी प्रकार की बाधाएं आ रही हों. ऐसे व्यक्तियों को विवाह पंचमी के दिन प्रभु श्रीराम एवं माता सीता का व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे विवाह में आ रहीं अड़चनें दूर हो जाती हैं. साथ ही मनभावन जीवनसाथी मिलता है. इतना ही नहीं, यदि शादीशुदा लोग इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखें तो उनके वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी दिक्कतें आहिस्ता-आहिस्ता ख़त्म हो जाती हैं. अगर विवाह पंचमी के दिन घर में रामचरितमानस का पाठ किया जाए तो घर में सुख शांति बनी रहती है.
ये है शुभ मुहूर्त:-
विवाह पंचमी तिथि आरंभ- 07 दिसंबर 2021 को रात 11 बजकर 40 मिनट से
विवाह पंचमी तिथि समाप्त- 08 दिसंबर 2021 को रात 09 बजकर 25 मिनट पर