कब है विजयदशमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और शस्त्र पूजन विधि

अश्विन महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती हैं। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है।

Update: 2021-09-25 02:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  अश्विन महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती हैं। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है। नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन होने के अगले दिन अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 07 अक्टूबर 2021 से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही हैं। नवरात्रि का समापन 14 अक्टूबर 2021 को हो रहा है। इसके अगले दिन अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी 15 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार है। इस दिन रावण दहन के अलावा शस्त्र पूजन का भी विधान है। तो आइए जानते हैं दशहरा शुभ मुहूर्त।

दशहरा 2021 शुभ मुहूर्त-

अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 52 से

अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि समाप्त- 15 अक्टूबर 2021 शाम 06 बजकर 02 मिनट पर

पूजन का समय- 15 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक 

दशहरा का महत्व-

इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। लोग अलग-अलग तरह से दशहरा मनाते हैं। सनातन धर्म में प्राचीन समय से ही शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है। इस दिन लोग शस्त्र पूजन और वाहन पूजन भी करतें हैं। इसके अलावा कुछ लोग इस दिन नया कार्य भी आरंभ करते हैं, क्योंकि नए कार्य का आरंभ करने के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।

 दशहरा पूजन विधि-

इस दिन प्रातः उठकर परिवार के सभी सदस्यों को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।

सबसे पहले सभी शस्त्रों को पूजा के लिए निकाल कर एकत्रित कर लें।

अब सभी शस्त्रों पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।

इसके बाद सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम से तिलक करके पुष्प अर्पित करें।

शस्त्र पूजन करते समय फूलों के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें।


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