कब है वरदा चतुर्थी व्रत, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व
वरदा चतुर्थी व्रत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष: धार्मिक तौर पर व्रत त्योहारों को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है वही हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं चतुर्थी के दिन प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा आराधना की जाती है
शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं इसे वरदा चतुर्थी भी कहते हैं भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना करने से घर में सुख समृद्धि और शांति आती है धन दौलत में भी वृद्धि होती है आषाढ़ महीने की वरद विनायक चतुर्थी व्रत 3 जुलाई दिन रविवार को रखा जाएगा। तो आज हम आपको वरदा चतुर्थी की पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
वरदा चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त—
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ— 2 जुलाई को 3:17 PM बजे से
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन— 3 जुलाई को 05:07 PM तक
आषाढ़ शुक्ल विनायक चतुर्थी व्रत का प्रारंभ— 3 जुलाई को सुबह से
व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त— 3 जुलाई सुबह 11:02 से दोपहर बाद 01:49 तक
जानिए वरदा चतुर्थी की पूजन विधि—
आपको बता दें कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद लाल वस्त्र धारण करें और पूजा चौकी पर भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं। श्री गणेश को दूर्वा प्रिय है इसलिए पूजा करते वक्त ऊं गं गणपतयै नमः कहते हुए 21 दूर्वा दल अर्पित करें श्री गणेश को मोदक बेहद प्रिय है इसलिए इसका भोग लगाएं। विधि विधान से प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना करें आरती उतारें। इससे भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होगा। घर की सुख शांति और संपन्नता के लिए वरदा चतुर्थी का व्रत लाभदायक होता है वरदा चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरांत गरीबों को भोजन कराएं और अपनी इच्छा अनुसार दान जरूर दें। ऊं गणेशाय नमः मंत्र का जाप करने से जातक को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं।