आश्विन मास का सोम प्रदोष व्रत कब, जानिए पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Update: 2021-09-24 10:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस समय आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है। आश्विन मास का प्रदोष व्रत इस बार सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए यह सोम प्रदोष व्रत है। हालांकि अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर यह सोम प्रदोष व्रत अक्टूबर में पड़ रहा है, यह अक्टूबर का पहला प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। आइए जानते हैं कि सोम प्रदोष व्रत कब है? पूजा मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है?

प्रदोष व्रत 2021 तिथि

हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 03 अक्टूबर दिन रविवार को रात 10 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। त्रयोदशी तिथि का समापन अगले दिन 04 अक्टूबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 05 मिनट पर होना है। ऐसे में प्रदोष व्रत की उदयातिथि 04 अक्टूबर को प्रात: हो रहा है और इस दिन शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त भी है। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर को रखा जाएगा।

सोम प्रदोष 2021 पूजा मुहूर्त

04 अक्टूबर को पड़ने वाले सोम प्रदोष व्रत के लिए शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 04 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है। यदि आप सोम प्रदोष व्रत रहते हैं तो आपको इस प्रदोष मुहूर्त में शिवलिंग की पूजा बेलपत्र, गंगाजल, गाय के दूध, मदार पुष्प, भांग, श्वेत चंदन आदि से विधिपूर्वक करना चाहिए।

सोम प्रदोष व्रत का महत्व

सोम प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति को शिव कृपा प्राप्त होती है। उसके जीवन के सभी कष्ट मिट जाते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। जीवन में यश, सौभाग्य, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

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